Kisaan School : किसान स्कूल की ओर से केंद्रीय वस्त्रमंत्री को रामाधार देवांगन ने भेंट किया भिंडी के रेशे से निर्मित जैकेट, झारखण्ड स्थित रांची में आयोजित राष्ट्रीय तसर रेशम क़ृषि मेला सह 61 वां स्थापना दिवस में किया गया था आमंत्रित

जांजगीर-चाम्पा. भाई जी, आपने तो कमाल कर दिया, हमने अभी तक तो कोसा का कपड़ा देखा था, किन्तु आप ने तो भिंडी के रेशे के कपड़ा बना दिया. सचमुच में आपके जितनी तारीफ किया, शायद कम ही होगा ये कथन है, केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह का. ज़ब झारखण्ड स्थित रांची में आयोजित राष्ट्रीय तसर रेशम क़ृषि मेला सह 61 वां स्थापना दिवस में पहुंचकर केंद्रीय वस्त्र मंत्री को वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह की ओर से नवाचारी कृषक रामाधार देवांगन ने भिंडी के रेशे से निर्मित जैकेट भेंट किया.



इस अवसर पर रामाधार देवांगन ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ राज्य के क़ृषि प्रधान जिला जांजगीर-चाम्पा में उनका एक किसान स्कूल भी अपनी टीम के साथ संचालित कर रहे हैं, जो भारत का पहला किसान स्कूल है, जहां पर क़ृषि क्षेत्र में 18 विषयों पर किसानों को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है, वहीं वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल की टीम द्वारा क़ृषि क्षेत्र में किये जा रहे नवाचार को देखने अब तक 6 देशों के लोग आ चुके हैं. इसके साथ ही 22 सितंबर 2018 को छत्तीसगढ़ के जांजगीर ₹ जिला मुख्यालय विकास यात्रा में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलसी और केला के रेशे से निर्मित शाल और जैकेट भेंट कर चुके हैं. नवाचारी कृषक रामाधार देवांगन की बात सुनकर केंद्रीय मंत्री खूब प्रभावित हुए और बकायदा अपना फोटो खींचने को कहा.

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उल्लेखनीय है कि रामाधार देवांगन, कोसा रेशम के न सिर्फ विशेषज्ञ हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य आरसेटी में कोसा रेशम उद्यमी के मास्टर ट्रेनर व असेसर भी हैं, वहीं केंद्रीय रेशम बोर्ड, तसर अनुसन्धान वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार में सलाहकार भी हैं, जिन्हें शासन की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरुष्कार से नवाज़ा गया है, वहीं उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, क़ृषि मंत्री को अलसी के डंठल के रेशे से निर्मित जैकेट भेंट कर चुके हैं. 78 वर्षीय रामाधार देवांगन, क़ृषि क्षेत्र में अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बना चुके हैं, वहीं उनके मार्गदर्शन पर किसान स्कूल भी भारत के किसानों के सहयोग से संचालित हो रहा है.

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