जांजगीर-चाम्पा. बच्चों से काम लेना अपराध है और शांति जीडी पॉवर प्लांट में बाल श्रमिक की मौत हो गई है, वहीं अपनी करतूत छिपाने मीडिया को भीतर जाने भी नहीं दिया गया. ऐसे में प्लांट प्रबंधन की क्रियाकलाप सवाल खड़ा हो गया है.
बच्चे, देश के भविष्य होते हैं, लेकिन उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. जांजगीर के चाम्पा थाना क्षेत्र के अमझर गांव के शांति जीडी पॉवर प्लांट से ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां बड़ी लापरवाही के चलते मशीन के कन्वर्टर बेल्ट में फंसकर बाल श्रमिक की मौत हो गई है. घटना के बाद प्लांट के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे और हंगामा किया गया.
यहां मुआवजा देने और प्लांट प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई, वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि बिना निरीक्षण के कन्वर्टर बेल्ट को काटकर लाश को नीचे उतारा गया है. इसे लेकर मौके पर पुलिस के उच्चाधिकारी, राजस्व अधिकरी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा और प्लांट प्रबंधन की मनमानी ऐसी कि अपनी करतूत छिपाने, मीडिया को भीतर जाने नहीं दिया गया. ऐसे में प्लांट प्रबंधन की भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है.
मृतक का नाम भुवन बरेठ है और वह फरसवानी गांव का निवासी था. आधारकार्ड के मुताबिक, उसकी उम्र महज 17 साल 10 माह है, लेकिन पिछले 2-3 साल से ठेकाकर्मी के रूप में शांति जीडी पॉवर प्लांट में कार्यरत था, जहां उसे हार्डवर्क कराया जा रहा था और कन्वर्टर बेल्ट में फंसने से उसकी मौत हो गई है. प्लांट के कर्मचारी और लोगों ने बताया कि शांति जीडी प्लांट के द्वारा सुरक्षा मानकों को ध्यान नहीं दिया जाता और उनका शोषण किया जा रहा है. ऐसे उन्होंने प्लांट प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
घण्टों के तनाव के बाद परिजन को मुआवजा और 1 व्यक्ति को नौकरी देने का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद मामला शांत हुआ और शव का पंचनामा कार्रवाई कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि मामले में जांच की जाएगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
ऐसे में देखने वाली बात होगी कि प्लांट प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाती है या नहीं ? क्या ऐसे ही बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ होते रहेगा ?