ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जांजगीर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशेष गतिविधि आयोजित

ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जांजगीर में संस्था के संचालक आलोक अग्रवाल एवं प्राचार्य श्रीमती सोनाली सिंह के निर्देशन में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशेष गतिविधि आयोजित की गई। इस अवसर पर संस्था के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं विद्याथियों द्वारा स्कूल प्रांगण में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षकां एवं विद्यार्थियों द्वारा गुरु के महत्व के विषय में विविध गतिविधियों के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत संस्था संचालक श्री आलोक अग्रवाल एवं उप प्राचार्या श्रीमती भिष्मिता साहू द्वारा माँ सरस्वती के तैल्य चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन एवं फूल अर्पण कर शुभांरभ किया गया। तत्पश्चात् कक्षा-12वीं की छात्रा सौम्या तिवारी द्वारा गुरु वंदना प्रस्तुत किया गया।



इसी श्रेणी में संस्था के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं का विद्यार्थियों द्वारा तिलक लगाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में कक्षा-चौथीं ‘ब‘ के विद्यार्थी अनुराग टण्डन द्वारा ‘‘गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु‘‘ गीत पर शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया गया। कक्षा-बारहवीं की छात्रा त्रिशिका बजाज द्वारा गुरु पूर्णिमा के महत्व के विषय में भाषण प्रस्तुत किया गया। संस्था के संगीत कोरस ग्रुप द्वारा गीत प्रस्तुत किया गया। साथ ही कक्षा-पांचवीं के विद्यार्थियों द्वारा समूह नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। संस्था के शिक्षक श्री चंदन दास द्वारा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु एवं पूर्णिमा के अर्थ को अलग-अलग उदाहरणों के माध्यम से समझाया गया। साथ ही शिक्षक श्री निषेध तिवारी द्वारा गीत प्रस्तुत किया गया। संस्था की संगीत शिक्षिका सुश्री महेश्वरी द्वारा गुरु भजन प्रस्तुत किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम का समादेश एवं धन्यवाद ज्ञापन कक्षा-बारहवीं के छात्र मीर बरेठ तथा मंच संचालन रूद्र साहू एवं छात्रा रिद्धि माखिजा द्वारा किया गया।

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तत्पश्चात् संस्था के शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा कक्षावार प्राचीन गुरुओं के महत्व एवं गुरु शिष्य परम्परा के विषय में बताया गया। जिसमें प्रमुख रूप से गुरु वशिष्ठ एवं राम, गुरु द्रोणाचार्य एवं अर्जुन, गुरु चाणक्य एवं चंद्रगुप्त मौर्य, गुरु सांदीपनि एवं कृष्ण, गुरु रामदास एवं छत्रपति शिवाजी, गुरुनानक देव एवं सिख गुरु इत्यादि गुरु शिष्य परम्परा के विषय में उजागर किया गया। जिसमें मुख्य रूप बताया गया की भारतीय संस्कृति में गुरु एवं शिष्य का संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्राचीन काल से ही गुरुओं ने अपने शिष्यों को ज्ञान नैतिकता और आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।

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गुरु का महत्व विभिन्न पौराणिक कथाओं, जातक कथाओं, पंचतंत्र कथाओं इत्यादि में भी परिलक्षित होता है। उपरोक्त बातों के माध्यम से शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को गुरु शिष्य परम्परा की महत्ता को समझाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम के सफल संचालन में संस्था के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं, एडमिन स्टॉफ एवं ग्रुप डी स्टॉफ का विशेष योगदान रहा।

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