जांजगीर-चाम्पा. जांजगीर के खोखसा गांव में महतारी सेवा समिति संगठन बनाकर महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं. महिलाओं ने अलग कोशिश की है और एलोविरा, केसर चंदन, नीम तुलसी का ‘प्राकृतिक साबुन’ बना रही हैं. महिलाओं का बनाया साबुन, अभी कई जिलों में सप्लाई हो रही है.
महिलाओं के इस संगठन में जांजगीर-चाम्पा के अलावा कोरबा, रायपुर, रायगढ़, दुर्ग, बिलासपुर समेत कई जिलों की महिलाएं जुड़ी हैं. खोखसा गांव में इन महिलाओं के द्वारा प्राकृतिक साबुन बनाया जाता है, इसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं. जिले में पहली बार महिलाओं द्वारा प्राकृतिक साबुन बनाई जा रही है, जिसमें एलोविरा, नीम पत्ती, तुलसी पत्ती, चंदन और केसर का उपयोग किया जा रहा है. यह प्राकृतिक साबुन के शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होने से लोगों में खासा डिमांड है.
महिलाओं के द्वारा फिनाइल और अगरबत्ती भी बनाई जाती है. इससे भी महिलाएं बड़ी आमदनी अर्जित कर रही हैं. महिलाओं का कहना है कि साबुन, फिनाइल, अगरबत्ती की काफी मांग है और उन्हें आमदनी भी हो रही है. प्रशासन से मदद मिले तो वे और बेहतर काम कर पाएंगी.
कृषि विज्ञान केंद्र जांजगीर के प्रमुख डॉ. केडी महंत ने महिलाओं के कार्यों को बेहतर बताया है और हर सम्भव मदद, सलाह देने की बात कही है.
इधर, पुलिस विभाग द्वारा सबरिया समुदाय को रोजगार और कौशल विकास से जोड़ने का प्रयास हो रहा है. एसपी विजय पांडेय भी इन महिलाओं के कार्यों को देखने पहुंचे और सबरिया समुदाय के लोगों को भी महिलाओं के कार्यों को दिखाया गया कि वे किस तरह प्राकृतिक साबुन बना रही हैं. एसपी विजय पांडेय ने भी महिलाओं के कार्यों की सराहना की है.