जांजगीर-चाम्पा. छत्तीसगढ़ राज्य में एक ऐसा गांव, जहां भाई और बहन के बीच पवित्र रिश्ता का पर्व रक्षाबंधन दो दिन हर्षोल्लास से मनाया जाता है. पहले दिन बिहान की महिलाएं और छात्राएं, पौधों को राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का लोगों को संदेश देती हैं और दूसरे दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं, वहीं भाई भी आजीवन बहन की रक्षा करने का वचन देता है.
वह गांव है, जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर चाम्पा क्षेत्र का छोटा सा गांव बहेराडीह, जहां भारत का पहला किसान स्कूल संचालित है. यहां पर आज 18 अगस्त रविवार को दोपहर 4 बजे प्रकृति राखी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा और पेड़ों को राखी बांधकर महिलाएं और स्कूल के छात्राएं दुनिया के लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगी.
उसके ठीक दूसरे दिन बहने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधेगी और भाई भी अपनी बहन को आजीवन उनके रक्षा का संकल्प लेंगे.
वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव और केंद्रीय रेशम बोर्ड, तसर अनुसंधान केंद्र भारत सरकार के सलाहकार रामाधार देवांगन ने बताया कि किसान स्कूल परिसर में बिहान की महिलाएं और स्कूली छात्राओं के द्वारा विगत तीन साल से प्रकृति राखी त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान महिलाएं-छात्राएं, पेड़-पौधों को तिलक लगाकर पूजा अर्चना करती हैं और राखी बांधती हैं.
छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में मनेगा प्रकृति राखी पर्व
वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह के आग्रह पर छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिलों में बिहान की महिलाएं और स्कूली छत्राओ के द्वारा रविवार 18 अगस्त को प्रकृति राखी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा और पेड़ पौधों को राखी बांधकर दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा.