खरौद. छत्तीसगढ़ की काशी खरौद में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर महामाया आध्यात्म सेवा समिति के तत्वावधान में बाजे गाजे के साथ भव्य शिव बारात की झांकी निकाली गई, जो सिद्ध गणेश मंदिर तिवारी पर में भगवान गणेश के पुजनोंपरांत प्रारंभ होकर नगर के प्रसिद्ध देवी देवताओं कंकालिन देवी महामाया देवी शबरी शनिदेव अष्टमूर्ति शिव बजरंगबली मंदिर होते हुए लक्ष्मणेश्वर परिसर में लक्ष्मणेश्वर दर्शन के साथ पूर्ण हुआ।
इस झांकी में आकर्षण का केंद्र सुसज्जित रथ में शिव पार्वती एवं नदी का रहना, एवं उनके गणों का विचित्र वेश भूषा तथा नृत्य करते हुए बाराती के रूप में नगर भ्रमण रहा।शिव जी के इस बारात में देव बाराती के रूप में ब्रह्मा जी विष्णु जी इंद्र जी नारद जी आदि देवी देवताओं के जीवंत झांकी ने सबको आकर्षित किया इस बारात का नगर में जगह-जगह पर आरती एवं आतिशबाजी के साथ स्वागत किया गया महाशिवरात्रि पर्व पर इस प्रकार का प्रथम कार्यक्रम आयोजित किया गया था इस कारण लोगों ने भारी उत्साह के साथ भाग लिया इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सरस्वती शिशु मंदिर इंदल देव सेवा समिति भैरव बाबा सेवा समिति नशा उन्मूलन महिला समिति माझापारा का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ इस कार्यक्रम की नगर में बहुत प्रशंसा की जा रही है.
छत्तीसगढ़ की काशी खरौद की पौराणिक मान्यता है कि यहां रामानुज लक्ष्मण के तपस्या से भगवान शिव प्रसन्न होकर लक्ष्मण जी को लक्ष्मणेश्वर स्वयंभू लिंग के रूप में यहां सदैव विराजमान रहने का वरदान देकर मनवांछित फल प्रदान किया। विभिन्न प्रांतो से हजारों हजार दर्शनार्थियों ने यहां लक्ष्मेश्वर जी का दर्शन करने के लिए आए क्योंकि इस बार 64 वर्ष पश्चात यह दुर्लभ संयोग बना है.