Janjgir News : पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान एक आधुनिक तकनीक : डॉ. पूनम पटेल, ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान जांजगीर में 35 पशु सखी दीदियां ले रहीं प्रशिक्षण

जांजगीर-चाम्पा. पशुओ में कृत्रिम गर्भाधान एक आधुनिक तकनीक है। जिसके द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले सांड के वीर्य सिमन को गाय के प्रजनन मार्ग में कृत्रिम रूप से डाला जाता है, ताकि गर्भाधान हो सके। यह तकनीक पशुपालन में नस्ल सुधार, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और रोग रहित संतती प्राप्त उपयोगी है।
उक्त बातें पशुधन विकास विभाग के पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ. पूनम पटेल ने ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान जांजगीर में आयोजित 13 दिवसीय क़ृषि उद्यमी प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल सक्ति जिले के बिहान की पशु सखी दीदियों को सम्बोधित करते हुए ब्यक्त किया।



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उन्होंने पशुओ में कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया, नस्लों का वर्गीकरण, गाय के पहले दूध खिस में पाए जाने वाले गुण के बारे में जानकारी दी। डॉ पूनम पटेल ने गाय के पेट के चार भाग में रुमन, रेटीकुलम, ओमसस और एबोमसस के कार्य के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। प्रशिक्षण में उन्होंने पैरा का यूरिया उपचार का महत्व, अंजोला तथा साइलेज के बारे में जानकारी दी। पशु सखियों को दूध दुहने के सही तरीके के बारे में बताया कि दूध दुहना एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। जो यदि सही तरीके से किया जाय, तो न सिर्फ दूध की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ती है। बल्कि गाय, भैस की थनों की बीमारी जैसे थनाईला से भी बचाव होता है। उन्होंने ब्रँसेला वैक्सीन समेत पशुओं को किस माह में कौन सी टीका लगाने के बारे में जानकारी दी।

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इस अवसर पर संस्थान के डायरेक्टर लक्ष्मीनारायण सिंकू, फेकेल्टी अरुण कुमार पाण्डेय, उत्तम कुमार राठौर, योगेश कुमार यादव, किशन रजक, मास्टर ट्रेनर दीनदयाल यादव और 35 पशु सखी दीदियाँ प्रमुख रूप से शामिल थे।

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