शव के लिए वाहन उपलब्ध नहीं होना संवेदनहीनता : कलेक्टर, स्वीपर के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश सीएमएचओ को दिए, सवाल, क्या केवल स्वीपर ही दोषी है ?

जांजगीर-चांपा. कलेक्टर ने जिला अस्पताल से पोस्टमार्टम के बाद शव के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराने की शिकायत को गंभीरता से लिया है। उन्होंने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे कर्तव्य के प्रति संवेदनहीनता बताया है। कलेक्टर ने स्वीपर द्वारा असुरक्षित ढंग से पैक कर डॉक्टर की अनुमति के बगैर परिजन को शव सौंपने पर स्वीपर के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश सीएमएचओ को दिए हैं।
 



… क्या केवल स्वीपर ही दोषी है ?
बच्ची के शव को घर ले जाने के लिए वाहन नहीं मिलने के मामले में सीएमएचओ ने डॉक्टर को नोटिस जारी किया है. इधर, कलेक्टर ने स्वीपर पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. सवाल है कि क्या केवल स्वीपर दोषी है ? या फिर लापरवाही और असंवेदनशीलता का ठीकरा प्रशासन द्वारा किसी और पर फोड़ा जा रहा है ?
जिला अस्पताल में अक्सर अव्यवस्था के मामले सामने आते रहे हैं. इलाज में लापरवाही और डॉक्टर के वक्त पर नहीं पहुंचने की शिकायत तो आती रहती है. अभी जो यह ताजा मामला आया है, शव को घर ले जाने शव वाहन नहीं मिलने का है, इसने सिस्टम को एक बार फिर कटघरे में खड़ा किया है. अब प्रशासन द्वारा इस गंभीर और बड़े मामले में भी कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता निभाना, समझ से परे है. अब ठीकरा स्वीपर पर फोड़ा जा रहा है, इस मामले में पूरी जवाबदेही स्वीपर की बताने की कोशिश हो रही है, लेकिन शव को वाहन से पहुंचाने, जिनका जिम्मा है, उन पर कार्रवाई करने प्रशासन बच रहा है. ऐसे में तमाम सवाल उठना लाजिमी है ?
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