आदर्श गोठान में होंगी आजीविका गतिविधियां संचालित, जिला पंचायत सीईओ तीर्थराज अग्रवाल ने विकासखण्ड के अधिकारियों, गोठान समिति की समीक्षा बैठक लेकर दिए निर्देश

जांजगीर-चांपा. आदर्श गोठानों में महिला समूह द्वारा जैविक खाद, सब्जी भाजी, बकरी पालन, मुर्गी पालन, बकरीपालन, आचार, पापड़ दोना पत्तल, अगरबत्ती सहित विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को संचालित करने के लिए आजीविका केन्द्र संचालित किए जाएंगे, ताकि समूह की महिलाओं को एक ही जगह पर बेहतर रोजगार प्राप्त हो सके। इसके लिए महिला स्व सहायता समूह को बेहतर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
यह बात गुरूवार को जनपद पंचायत सक्ती, मालखरौदा एवं डभरा में आयोजित बैठक में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल ने कही। वहीं विगत बुधवार को नवागढ़, बम्हनीडीह, जैजैपुर में भी समीक्षा बैठक लेकर निर्देश दिए।
जिपं सीईओ ने कहा कि सुराजी गांव योजना के तहत बनाए जा रहे गोठानों में आजीविका संवर्धन की गतिविधियों को संचालित किया जाएगा। ताकि समूह को इससे अधिक से अधिक आय हो और गांव के साथ ही समूह की भी आय बेहतर हो सके।
इसके लिए वर्तमान में गोधन न्याय योजना के तहत गोठानों में ग्रामीण आजीविका स्थापित करने तथा गोठानों को विकसित करने के लिए जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में 5 आदर्श गौठान का चयन किया जा रहा है। जिसमें ऐसे गोठान जिनमें सभी घटकों का निर्माण पूर्ण करा लिया हो, चारागाह विकास के तहत गोधन हेतु चारा उत्पादित किया गया हो, स्व सहायता समूहों के लिए आजीविका संवर्धन के कार्य लिए जा रहे हो। तथा वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया जा रहा हो।
उन्होंने कहा कि गोठान में निर्धारित संख्या में वर्मी कम्पोस्ट टैंक का निर्माण गुणवत्ता के साथ किया जाए। गोठान के प्रभारी अधिकारी सतत रूप से मानीटरिंग करेंगे साथ ही गोठान में संचालित गतिविधियों के समूहों को प्रशिक्षण देने के इंतजाम भी कराएंगे।
बैठक में जिला स्तर से बैठक आयोजित की गई जिसमें उपसंचालक कृषि, उपसंचालक पंचायत, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, सहायक संचालक उद्यान, सहायक परियोजना अधिकारी एनआरएलएम सहित जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत स्तर के विभागीय अधिकारी सहित आदर्श गोठान के सरपंच, सचिव, गोठान समिति के अध्यक्ष एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करने वाले स्व सहायता समूह के अध्यक्ष उपस्थित रहे।
तालाब, डबरी में समूह करेंगे मछलीपालन 
जिपं सीईओ ने बैठक के दौरान कहा कि महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से गांव-गांव में तालाब, डबरी का निर्माण कराया जा रहा है। इन तालाब, डबरी का उपयोग महिला स्व सहायता समूह मछली पालन के लिए कर सकते है। वहीं गोठान के पास भी डबरी बनाई जा रही है, इसमें मछलीपालन, फलदार पौधरोपण आदि के माध्यम से आय अर्जित की जाएगी। बाड़ी विकास योजना के तहत अधिक से अधिक मुनगा के पेड़ लगाए जाएंगे। इससे आगामी दिनों में समूहों को सुपोषण योजना के तहत मुनगा से पावडर बनाने का काम मिल सकेगा।



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