जांजगीर-चांपा. महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से गांवों में ही रोजगार दिये जाने का प्रावधान है, इसलिए प्रत्येक तकनीकी सहायक, कार्यक्रम अधिकारी पहली प्राथमिकता के साथ काम करें और इस वित्तीय वर्ष के दिए गए लक्ष्य को प्राप्त करें। यह लक्ष्य तभी प्राप्त होगा जब प्रत्येक गांव में मनरेगा का काम शुरू किया जाए। यह बात मंगलवार को जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, गोधन न्याय योजना के कार्यों की सिलसिलेवार समीक्षा करते हुए कही।
उन्होंने इस दौरान बैठक से अनुपस्थित एवं देरी से पहुंचने पर फटकार भी लगाई, और कहा कि यह कार्य गंभीर लापरवाही में आता है। उन्होंने अनुपस्थित एवं देरी से आने वाले आरईएस के सब इंजीनियर एवं मनरेगा तकनीकी सहायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
जिपं सीईओ ने कहा कि मनरेगा के निर्माण कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मनरेगा को जो लक्ष्य तय किया गया है उसको 31 मार्च के पूर्व इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक पूर्ण करें। इसके लिए मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक प्रतिदिन फील्ड में जाये और कार्यों का निरीक्षण करते हुए अधिक से अधिक श्रमिकों को प्रेरित करते हुए परिसंपत्तियों का निर्माण कराएं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से 100 दिवस का रोजगार दिये जाने की योजना बनाएं और ऐसे परिवारों का चिन्हांकन करें जो 100 दिवस के करीब हैं।
उन्होंने कहा कि जॉब कार्ड का सत्यापन ध्यान पूर्वक करते हुए संबंधित जॉब कार्ड एक्टिव नहीं होने पर ही डिलीट किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जॉबकार्ड का सत्यापन करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों का पैसा विभिन्न कारणों से रिजेक्ट हो जाता है, जिससे उनके खातों में पैसा नहीं पहुंचता, इस स्थिति में वास्तविक जानकारी लेकर बैंक के माध्यम से सामंजस्य बनाकर समस्याओं को दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर मजदूरों की समयबद्ध मजदूरी भुगतान नहीं होगी तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कार्य पूर्ण होेने के बाद कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी करें। उन्होंने मनरेगा परिसंपत्तियों का प्रत्येक चरण की जियो टैग करने के निर्देश दिए। बैठक में आरईएस ईई, मनरेगा सहायक परियोजना अधिकारी, जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, आरईएस एसडीओ कार्यक्रम अधिकारी, सब इंजीनियर, तकनीकी सहायक मौजूद रहे।
एनजीजीबी पर करें फोकस
जिपं सीईओ ने कहा कि एनजीजीबी राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसलिए गोठानों की सतत रूप से मॉनीटरिंग करे और गोठान में बनाए जा रहे प्रत्येक निर्माण की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने द्वितीय एवं तृतीय चरण में बनाए जा रहे गोठानों की समीक्षा की। गोठान में गायों के लिए बनाए जा रहे चारागाह के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने गोठान में नियमित रूप से गोबर की खरीदी किए जाने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा नरवा विकास के तहत जिले में 87 नालों पर विभिन्न निर्माण की जानकारी तकनीकी सहायकों से लेते हुए मार्च में यह कार्य पूर्ण करने कहा।