जांजगीर-चाम्पा. सत्र 2021-22 में बच्चों की पढ़ाई निरंतर जारी रखते हुए पूर्व वर्ष की भांति आनलाईन व आफलाईन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। इन कक्षाओं को पूरे जिले में व्यापक स्तर पर लागू करने जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान डाईट जांजगीर द्वारा गत 14 जुलाई से विकासखण्ड स्तरीय बैठकों का आयोजन किया जा रहा है.
15 जुलाई को नवागढ़ विकासखण्ड के सभी 42 संकुलों अमोदा, बोड़सरा, गौशाला नैला, बनारी धाराशिव (खोखरा), धनेली, बुड़ेना, अवरीद, धुरकोट, कन्या जांजगीर, खोखसा, खोखरा, गौद, कचंदा, घुठिया, कटौद, केरा, कुटरा, महंत, जांजगीर क्र. 02, कुरियारी, रिंगनी, मुड़पार, मिसदा, नवागढ़, किरीत, पीथमपुर, सिवनी, सरखों, तेंदूभाठा, सदर जांजगीर, सुकली, रोगदा, उदयभाठा, सेमरा, सलखन, सिंघुल, तुलसी, शिवरीनारायण, तुस्मा व धाराशिव (रोगदा) के सभी संकुल प्राचार्य व शैक्षिक समन्वयक उपस्थित रहे।
गौरतलब हो कि पढ़ई तुंहर दुआर के तहत आफलाईन कक्षाओं को शत प्रतिशत लागू करने आहूत बैठक में रणनीति तैयार की गयी। दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक चले बैठक में पारा मोहल्ला कक्षाओं को नियमित रूप से आयोजित करने के संबंध में व्यापक चर्चा किया गया।
बैठक में डाईट प्राचार्य श्रीमती सविता राजपूत, उप प्राचार्य व पढ़ई तुहर दुआर के जिला नोडल एल.के. पाण्डेय, जिला मिशन समन्वयक श्री ब्राम्हणी, सहा.प्राध्यापक यू.के. रस्तोगी, प्रद्युम्न कुमार शर्मा, एबीईओ नवागढ़ राजीव नयन शर्मा, रमा गोस्वामी, नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी, दीपक थवाईत, अनिल शर्मा, अनिल पाण्डेय, बलराम जलतारे, रविकांत साव, तुलाराम कश्यप, प्रमोद हंसराज, पुरूषोत्तम लाल साहू, महेश पुरी गोस्वामी, संजय राठौर, तेरस राम रात्रे, जीआर कर्ष, ओमप्रकाश उपाध्याय, रामकुमार यादव, गुरूबचन जाटवर, गिरधर निराला, जयदयाल साहू, राजकुमार जलतारे, उत्तरा कुमार आजाद, मुबारक खान सहित सभी समन्वयकगण उपस्थित रहे। जिला नोडल श्री पाण्डेय ने बताया कि पढ़ई तुंहर पारा के अंतर्गत मोहल्ला कक्षा, पारा कक्षा का संचालन गतवर्ष की तरह ही किया जाए।
मोहल्ला कक्षा के लिए सार्वजनिक स्थलों का चिन्हांकन कर लिया जाए तथा मोहल्ला कक्षा में उपस्थित होने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति प्रतिदिन ली जाए। मोहल्ला एवं पारा कक्षा में उपस्थित की संख्यात्मक जानकारी का संधारण विकासखंड स्तर पर किया जाए तथा पोर्टल में एन्ट्री की जाए। उन्होंने कहा कि मोहल्ला कक्षा संचालन के लिए शिक्षकों की ड्यूटी रोटेशन के आधार पर लगाई जाए। विद्यार्थियों को पढ़ाये जाने वाले विषयों पर प्रतिमाह टेस्ट लिया जाए एवं एसेसमेंट का रिकार्ड स्थानीय स्तर पर रखा जाए। संज्ञानात्मक एवं सह संज्ञानात्मक एसेसमेंट का रिकार्ड प्रत्येक विद्यार्थी के रिपोर्ट कार्ड में भरकर समय-समय पर पालकों को अवलोकन करायें।
हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों हेतु मोहल्ला कक्षाओं का स्थल चिन्हांकन एवं संचालन विषयवार किया जाए। इस हेतु प्राचार्य समय सारिणी तैयार करेंगे। विद्यार्थियों में अध्ययन की निरंतरता बनाये रखने के लिए सेतु अभियान प्रारंभ किया गया है। सेतु अभियान के अंतर्गत विद्यार्थियों को एक माह तक उनकी पूर्व कक्षा के विषयवस्तु का अध्यापन कराया जा रहा है। एससीईआरटी द्वारा विकसित सेतु अभियान की समय सारणी उपलब्ध करायी जा चुकी है। संकुल स्तर पर संचालित समस्त मोहल्ला एवं पारा कक्षाओं की मानिटरिंग संकुल प्रभारी प्राचार्यों एवं संकुल शैक्षिक समन्वयकों द्वारा की जाएगी। इसके अतिरिक्त लाउड स्पीकर क्लास, बुल्टू के बोल इत्यादि नवाचार का उपयोग भी अध्ययन के लिए किया जाए।
प्रद्युम्न कुमार शर्मा ने अपने संबोधन में शैक्षिक समन्वयकों व संकुल प्राचार्यों के कर्तव्यों व दायित्वों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना महामारी के बीच प्राइमरी व मिडिल तक के बच्चों को पढ़ई तुंहर दुआर, बुल्टू के बोल, लाउडस्पीकर व मोहल्ला कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाने की कोशिश जारी थी इस बार बच्चों में कक्षा अनुरूप दक्षता लाने सेतु पाठ्यक्रम अभियान शुरू किया गया है। पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए इस अभियान में शिक्षक उनकी पिछली कक्षा के कुछ महत्वपूर्ण विषय सामग्री स्मरण कराएंगे।
नए सत्र के पहले 30 दिनों तक हर विषय के पुराने पाठ दोहराए जाएंगे, ताकि वे उसके आगे की पढ़ाई के लिए तैयार हो सकें। बैठक को सहा. प्राध्यापक यू.के. रस्तोगी ने भी संबोधित कर पढ़ई तुंहर दुआर को हर स्तर पर सफल बनाने की अपील की।
मोहल्ला क्लास संचालन हेतु मानक प्रक्रिया का करना होगा पालन
मोहल्ला क्लास संचालन हेतु मानक प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करने के निर्देश बैठक में दिए गये है। इसके तहत मोहल्ला कक्षाओं हेतु शाला प्रबंधन समिति व पालकों की बैठक लेकर लिखित अनुमति लेनी होगी, बच्चों की संख्या,कक्षा व समुदाय से शिक्षा सारथी की उपलब्धता के आधार पर सीखने हेतु उपयुक्त केन्द्रों का चयन करना होगा, कोविड प्रोटोकाल के कड़ाई से पालन करना होगा, शिक्षक व बच्चे पूरे समय तक मास्क लगायेंगे व शिक्षक टीका अवश्यक लगवायेंगे, सीखने के लिए छोटे समूहों में गोल घेरा में बैठाकर गतिविधि करायी जायेगी, बच्चों को अभ्यास पुस्तिका देकर घर में भी गतिविधि करने हेतु प्रेरित किया जायेगा और नियमित फीडबैक देकर सुधार किया जायेगा, माह के अंत में आंकलन होगा और उसका लिखित रिकार्ड बच्चों के पोर्टफोलियों के रूप में शाला में संधारित किया जायेगा, शाला अनुदान की राशि से चाक डस्टर, चार्ट, पोस्टर व स्टेशनरी खरीदी जायेगी, मुस्कान पुस्तकालय का नियमित उपयोग किया जायेगा, स्थानीय संसाधनों के उपयोग से सहायक सामग्री तैयार किया जायेगा।