छत्तीसगढ़ : एससीईआरटी की बड़ी पहल, ‘कक्षा पहली से तीसरी तक हिंदी किताबों के साथ ही अब मातृभाषा छत्तीसगढ़ी में भी होगी पढ़ाई’, शिक्षक के रहे…

जांजगीर-चाम्पा. राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद यानी एससीईआरटी के द्वारा मातृभाषा छत्तीसगढ़ी को कक्षा पहली से तीसरी की पुस्तकों में शामिल कर बच्चों को पढ़ाने की पहल शुरू की है और अगले सत्र से हिंदी के साथ मातृभाषा छत्तीसगढ़ी की भी पढ़ाई होगी और एक ही पुस्तक में हिंदी के साथ ही छत्तीसगढ़ी में पाठ्य सामग्री होगी.



हिंदी किताब के गद्य, पद्य और कहानी का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद किया जा रहा है. इसके लिए सम्भाग स्तरीय 10 शिक्षक-शिक्षिकाओं की टीम बनी है, जो जांजगीर के डाइट में कक्षा पहली से तीसरी तक की हिंदी किताब का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद कर रहे हैं. यहां जांजगीर-चाम्पा, बिलाससपुर और रायगढ़ क्षेत्र में बोली जाने वाली छत्तीसगढ़ी भाषा के तहत हिंदी पुस्तकों को अनुवाद किया जा रहा है.

इसे भी पढ़े -  Akaltata Death : अकलतरा के जवाहरपारा के पास ट्रेन से यात्री गिरा, हादसे में हुई मौत

हिंदी पुस्तकों का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद करने वाले शिक्षकों का कहना है कि बच्चों को हिंदी के साथ ही छत्तीसगढ़ी की जानकारी मिलेगी. अभी एससीआरटी के द्वारा पहली से तीसरी तक ही हिंदी पुस्तकों का अनुवाद कराया जा रहा है. इसके बाद अन्य कक्षाओं के लिए भी आने वाले दिनों में हिंदी के साथ छत्तीसगढ़ी में सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी.

इसे भी पढ़े -  Kisaan School : बहेराडीह में 'भोजली महोत्सव' कल 10 अगस्त को

error: Content is protected !!