Ranji Trophy के नये सीजन की शुरूआत हो चुकी है। पहले ही राउंड में टीमें ने कई रिकॉर्ड बना डाले। यहीं एक मैच ऐसा भी हुआ, जहां बंगाल की टीम ने घटिया प्रदर्शन के बावजूद मैच अपने नाम कर लिया है। साथ ही साथ इस मैच में एक मंत्री भी खेलते हुए नजर आए, जिसके बारे में यहां बात करेंगे।
Ranji Trophy में खेलने आया मंत्री
Ranji Trophy के एक मैच में बंगाल अपने खराब प्रदर्शन के बाद भी मैच जीत चुकी है। दरअसल यह मैच Ranji Trophy के एलिट ग्रुप बी के लिए खेला जा रहा था, जहां बंगाल की टीम कटक में बड़ौदा के खिलाफ पहली पारी में 88 रन बनाकर ऑल आउट हो गयी थी। यही नहीं इसके बाद इस मैच में एक ट्विस्ट भी है। दूसरी पारी में बंगाल की ही टीम ने 300+ रन का स्कोर बनाकर ऐतिहासिक जीत भी हासिल कर ली है। यही नहीं इस मैच में बंगाल की तरफ से मंत्री भी खेलते हुए नजर आये। बंगाल की तरफ से जिस मंत्री ने खेला वह कोई और नहीं बल्कि बंगाल के खेल मंत्री और टीम इंडिया के लिए खेल चुके मनोज तिवारी है। मनोज तिवारी फिलहाल बंगाल विधानसभा के एमएलए है और शायद इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ होगा कि कोई मंत्री फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के लिए मैदान में उतरा हो।
MLA बनने के बाद पहली बार मैदान में उतरे मनोज तिवारी
बंगाल विधानसभा के एमएलए मनोज तिवारी मंत्री बनने के बाद पहली बार फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेले हैं और वे आगे भी खेलने वाले हैं। वह अलग बात है कि मनोज तिवारी ने इससे पहले वाले मैच में हैदराबाद के खिलाफ कुछ खास प्रदर्शन नहीं दिखा पाये। लेकिन ऐसा नहीं है कि वह बंगाल की टीम में अपनी मंत्री के रुतबे की वजह से हैं, वह टीम में केवल अपनी काबिलियत के दम पर ही टिके हुए हैं। इन्होने अबतक फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 9,014 रन बनाए हैं और साथ ही साथ 32 विकेट भी चटकाये हैं। इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू और चेतन चौहान जैसे खिलाड़ी भी है, जो मंत्री बनने के बाद फिर क्रिकेट में वापसी नहीं किये। यहां तक की केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी साल 2008 में मंत्री बनने से पहले ही अपना फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के बाद फिर वापसी नहीं किये। ऐसे में मनोज तिवारी Ranji Trophy में मंत्री बनने के बाद भी अपनी टीम की तरफ से खेल कर एक अलग मिसाल बना रहे हैं।
राजनीति के साथ क्रिकेट भी जारी रखेंगे
मनोज तिवारी ने राजनीति में कदम रखने से पहले ही बता दिया था कि वह राजनीति में आने के बाद भी अपना क्रिकेट करियर जारी रखेंगे। उन्होने अपनी बातो का मान रखा और मंत्री बनने के बाद भी उन्होंने Ranji Trophy में खेलना जारी रखा। ऐसा शायद ही कोई खिलाड़ी होगा जो मंत्री बनने के बाद क्रिकेट खेलना जारी रखा होगा। श्रीलंका के सनथ जयसूर्या साल 2010 में अपने शहर मतारा से संसद के लिए जीते, जिसके बाद साल 2011 वे इंग्लैंड के खिलाफ केवल एक ही इंटरनेश्नल मैच खेले। ऐसे अनेक क्रिकेटर्स मिल जायेंगे जिन्होने मंत्री बनते ही अपने क्रिकेट करियर को बाय बाय कर दिया। Ranji Trophy में बंगाल की तरफ से खेलने वाले मनोज तिवारी ने एक अनोखा मिसाल सबके सामने पेश किया है।