बेटी पैदा होने पर दुख मनाने वाले लोगों के बारे में तो आपने सुना ही होगा। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे किसी परिवार के बारे में सुना है जो कि अपने घर बेटी पैदा होने से इतना खुश हो कि वे चांद पर ही पहुंच जाए। बेटी के पैदा होने पर ज्यादा से ज्यादा आपने क्या देखा होगा लोगों ने गरीबों में मिठाई बंटवाई होगी, या फिर अपनी बेटी के लिए कोई अच्छा गिफ्ट ले लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी परिवार ने अपने घर बेटी पैदा होने पर चांद पर ही जमीन खरीद कर उसे दी हो।
600 साल बाद हुआ बेटी का जन्म
अगर नहीं तो आप इसे जरुर पढ़े। दरसअल यह मामला बिहार के झंझारपुर का है। यहां एक डॉक्टर दंपती के परिवार में 600 सालों के बाद बेटी पैदा हुई है। जिसके बाद उन्होंने खुशी के मारे अपनी बेटी को चांद पर जमीन खरीद कर गिफ्ट की है। असल में इस कपल ने अपनी बेटी के 10वें जन्मदिन पर उसे चांद पर एक एकड़ जमीन खरीद कर गिफ्ट की हैै।
इस लड़की का नाम आस्था बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि अस्था ने हाल ही में अपने दस साल पूरे किए हैं। आस्था अभी पांचवीं कक्षा में पढ़ रही है। ऐसे में अपनी बेटी के 10वें जन्मदिन पर इस कपल ने उसे चांद पर जमीन के रजिस्ट्री पेपर दिए हैं। मीडिया के अनुसार इस कपल का नाम डॉ. सुरविंदर कुमार झा और बेटी की मां डॉ. सुधा झा बताया जा रहा है। आस्था के पिता कार्डियोलॉजिस्ट है।ढेड साल लगे चांद पर प्लॉट खरीदने में
आस्थ के पिता ने मीडिया को बताया कि हमारे खानदान में कई पीढ़ियों के बाद आस्था ने जन्म लिया। उन्होंने बताया कि बेटी का चेहरा चांद की तरह था इसलिए चांद पर जमीन से कम क्या गिफ्ट करता? इसके लिए उन्हें 1.5 साल की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद अब जनवरी में अमेरिका की लूना सोसायटी इंटरनेशनल ने डॉक्युमेंट्स भेजा है।
जिसके बाद उन्होंने जम्मू के कटरा में माता वैष्णो देवी के दरबार में 25 फरवरी 2022 को ही बेटी को सर्टिफिकेट सौंप दिया। चांद पर अपनी जमीन को लेकर सुरविंदर ने बताया कि इंटरनेट पर इसे खरीदने को लेकर होने वाली प्रोसेस को सर्च किया।
चांद की इस जमीन की मालकिन बन गई आस्था
इसके बाद अमेरिका के कैलिफोर्निया के लूना सोसायटी के बारे में पता चला। जिस पर उन्होंने मेल के जरीए बातचीत कर चांद पर प्लॉट खरीदने की प्रक्रिया शुरु कर दी। इस कपल को मिले डॉक्यूमेंट के अनुसार जमीन का Latitude 23°34’8″ South × Longitude 7°57’50” West पर Sea of Clouds में चांद पर जमीन आस्था के नाम हो चुकी हैं।
इसके बाद अब आस्थ लूनर सीटिजन बन गई है। हालांकि यह पहली बार नहीं हैं इससे पहले भी गुजरात के एक व्यापारी ने साल 2015-16 में अपनी 6 माह की बेटी नव्या के लिए चांद पर जमीन खरीदी थी।