नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को एक और बैंक की वित्तीय स्थिति खबर मिली है। इसके चलते उसने इस बैंक को बंद करने का फैसला किया है। आरबीआई ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। आरबीआई के इस कदम से फिलहाल जमाकर्ताओं का पैसा फंस गया। हालांकि बाद में जमा पैसा वापस मिलेगा, लेकिन सबको यह मिलना कठिन होगा।
आइये जानते हैं कि यह बैंक कौन सा है और किन जमाकर्ताओं का पैसा वापस मिल पाएगा। इसके अलावा अगर बैंक को बंद करने का आरबीआई का आदेश पढ़ना चाहें तो उसका लिंक भी अंत में दिया गया है। आप उस लिंक को खोल कर आदेश को पूरी तरह से पढ़ भी सकते हैं।
यह है पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड
आरबीआई ने पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के कामकाज पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश के पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर रोक लगाने के साथ ही आरबीआई ने इस बैंक को बंद करने का आदेश भी जारी कर दिया है। इस सबंध में आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बैंक को बंद करने और लिक्विडेटर की नियुक्ति करने का आदेश भी जारी करने को कहा है।आरबीआई ने बताए बैंक बंद करने के कारण
आरबीआई ने बैंक को बंद करने के कारणों का भी खुलासा किया है। आरबीआई के अनुसार पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में इस बैंक को कारोबार जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो ये जनहित में नहीं होगा। इसी के चलते इस बैंक का लाइसेंस कैंसिल किया जा रहा है।
जानिए बंद होने के बाद जमाकर्ताओं के कैसे वापस मिलेगा पैसा
देश में जब भी बैंक बंद होता है, तो उसमें जमा पैसा पूरा सुरक्षित नहीं होता है। यही कारण है कि बैंक बंद होने के बाद कई ग्राहकों को उनका जमा पैसा पूरी तरह से वापस नहीं मिल पाता है। हालांकि आमतौर पर ऐसे ग्राहक 1 फीसदी के आसपास ही होते हैं।
बैंक बंद होने के बाद कितना पैसा मिलेगा वापस
देश में लागू नियमों के अनुसार अगर बैंक बंद किया जाता है, तो उसमें जमा 5 लाख रुपये तक ही सुरक्षित होता है। इसका मतलब अगर ग्राहक का बैंक में जमा पैसा ब्याज को मिलाकर 5 लाख रुपये तक है, तो वह पूरा वापस किया जाता है। लेकिन अगर यह जमा पैसा ब्याज के साथ 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो केवल 5 लाख रुपये की वापस मिलता है। इसके अलावा जो पैसा 5 लाख रुपये के ऊपर जमा होता है, वह डूब जाता है। बैंक बंद होने के बाद यह पैसा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कोर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) एक्ट, 1961 के तहत वापस मिलता है।
लगातार चौथा बैंक है, जो बंद किया गया आरबीआई ने यह लगातार चौथा बैंक है, जिसे बंद किया है। हालांकि जो भी बैंक बंद हुए हैं, वह सभी कोऑपरेटिव बैंक हैं। इससे पहले बंद होने वाले बैंक हैं सरजेरोदादा नायक शिराला सहकारी बैंक,इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक, मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक