दुर्ग: गर्मी की दस्तक के साथ ही जिले के कई गांवों में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होने लगी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जिले भर में ऐसे 99 गांवों को चि-ति किया है। इनमें से 22 गांव ऐसे हैं जहां सर्वाधिक जलसंकट की स्थिति है।
इन गांवों में पेयजल समस्या को दूर करने विभाग द्वारा 561.16 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है।
जिले में गर्मी ने मार्च महीने में ही दस्तक दी है। गर्मी की दस्तक के साथ ही भूजल स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है वहीं तालाबों का जलस्तर भी कम होने लगा है। जिले के विभिन्ना गांवों में भूजल स्तर में न्यूनतम चार से अधिकतम 24 मीटर तक की गिरावट आई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने पूर्व वर्षों के आंकलन के आधार पर संभावित पेयजल समस्या वाले 99 गांवों को चि-ति किया है। इनमें से 22 गांवों को सर्वाधिक पेयजल संकटग्रस्त होना बताया जा रहा है। इन 22 गांवों में 343 हैंडपंप, सात नलजल योजना,पांच स्थल जल योजना संचालित है। पेयजल आपूर्ति के लिए 99 सिंगल फेस पंप और 23 सोलर पंप लगाए गए हैं। पीएचई से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के दुर्ग,धमधा और पाटन ब्लाक के 385 गांवों में 5352 हैंडपंप, 203 नलजल योजना, 38 स्थल जल योजना चल रहे है। 1223 बोर में सिंगर फेस पंप लगे हुए हैं वहीं 673 बोर सोलर पंप से संचालित हैं।
नए नलकूप का खनन के साथ लगाएंगे पावर पंप
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पेयजल संकट से निपटने विभाग द्वारा 561.16 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार किया गया है। जिसके अंतर्गत पेयजल समस्या वाले गांवों में नए नलकूपों का खनन, सिंगल फेस पावर पंप की स्थापना, एकस्ट्राडीपवेल सिलेंडर राइजर पाइप बढ़ाने व बदलने का प्रावधान रखा गया है। सभी पेयजल योजनाओं को चालू रखने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है।