जांजगीर-चाम्पा. अकलतरा ब्लॉक के तिलई गांव के गोठान में समूह की महिलाओं को गोमूत्र से ब्रम्हास्त्र और जीवामृत बनाने की प्रक्रिया के बारे में कृषि वैज्ञानिक राजीव दीक्षित ने जानकारी दी. यहां समूह की महिलाओं ने ब्रम्हास्त्र और जीवामृत बनाने की प्रक्रिया को समझा.
इसके लिए ड्रम में पानी, गौमूत्र, मिट्टी और जहरीले पौधों की पत्तियों की आवश्यकता होती है. प्रशिक्षण के वक्त महिलाओं ने सभी सामग्री की मात्रा के बारे में समझा.
खास बात यह है कि तिलई गोठान के समूह की महिलाओं से 28 जुलाई को हरेली त्योहार के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात करेंगे. इसके लिए तिलई गोठान की महिलाओं को गोमूत्र से ब्रम्हास्त्र और जीवामृत बनाने, व्यापक जानकारी दी गई.
कृषि वैज्ञानिक राजीव दीक्षित का कहना है कि गोमूत्र से बने ब्रम्हास्त्र का उपयोग कीड़ों को मारने और जीवामृत का उपयोग फसलों-पौधों के लिए टॉनिक के रूप में किया जाता है. ये दोनों जैविक है और फसलों के लिए बेहद कारगर है.
आपको बता दें, 28 जुलाई हरेली से प्रदेश भर में राज्य सरकार 4 रुपये में गोमूत्र खरीदेगी. इस कार्य में गोठान में कार्यरत महिला समूह को प्रशिक्षण देकर अवगत कराया जा रहा है.