जांजगीर-चाम्पा. जांजगीर की पुलिस लाइन में भरोसे का सम्मेलन आयोजित हुआ. यहां मुख्य अतिथि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का जैसे ही सम्बोधन शुरू हुआ, वैसे ही लोग कार्यक्रम स्थल से जाने लगे. ऐसी स्थिति देख अफसरों और कांग्रेस नेता हक्के-बक्के रह गए और लोगों को रोकने की कोशिश की, लेकिन लोग नहीं माने और हजारों लोग, कार्यक्रम स्थल से चले गए. इस तरह हजारों कुर्सियां खाली हो गई और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का सम्बोधन होते रहा. इस मसले को लेकर नेता प्रतिपक्ष नारायण चन्देल ने कांग्रेस पर निशाना साधा है और भरोसे का सम्मेलन कार्यक्रम को लेकर सवाल उठाया है. सम्बोधन के वक्त कार्यक्रम स्थल में खाली कुर्सियों का वीडियो भी नारायण चन्देल ने अपने इंस्ट्राग्राम हैंडल पर अपलोड किया है.
दअरसल, भरोसे के सम्मेलन कार्यक्रम में लोगों की खचाखच भीड़ थी. हजारों लोग कई घण्टे पहले कार्यक्रम स्थल में पहुंच गए थे. तय वक्त से कुछ देर में कार्यक्रम शुरू हुआ, उसमें भी इतने बड़े आयोजन में कांग्रेस के कई नेताओं को सम्बोधन के लिए बुलाया गया. लिहाजा, कार्यक्रम का घण्टे भर का वक्त प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के भाषण में ही चला गया. फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सम्बोधन हुआ. इस वक्त तक लोग कार्यक्रम स्थल में बने रहे, लेकिन सीएम के भाषण होते ही जैसे ही मुख्य अतिथि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम पुकारा गया, वैसे ही लोग कार्यक्रम स्थल से निकलने लगे. यह सब वाकया देख अफसरों और कांग्रेस नेताओं के होश उड़ गए. फिर लोगों को रोकने की कोशिश हुई और जब लोग नहीं रुके तो बेरिकेटिंग को ब्लॉक किया गया.
अफसरों की इस कवायद के बाद भी लोग, कार्यक्रम स्थल से चले गए. भाषण के 10 मिनट में ही 3 डोम में से हजारों लोग चले गए थे. एक डोम में कुर्सियां खाली थी और 2 अन्य डोम में भी पीछे से कुर्सियां खाली हो गई थीं. आगे की ओर भी बहुत से कुर्सियां खाली हो गई थी और करीब आधे घण्टे तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सम्बोधित करते रहे.
नेता प्रतिपक्ष नारायण चन्देल ने कांग्रेस के भरोसे के सम्मेलन पर निशाना साधा
नेता प्रतिपक्ष नारायण चन्देल ने भरोसे के सम्मेलन के मुख्य अतिथि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सम्बोधन के वक्त कार्यक्रम स्थल से लोगों के चले जाने पर कांग्रेस पर निशाना साधा है और कहा है कि यह प्रत्यक्ष प्रमाण है, लोगों को सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार पर भरोसा नहीं है. लोग, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सुनना पसंद नहीं करते और ना ही उन्हें भरोसे के सम्मेलन से कोई मतलब है.