शिल्पकला के माध्यम से अवसाद और मानसिक तनाव को दूर करने की पहल : मंत्री रुद्रकुमार, हस्तशिल्प विकास बोर्ड स्पंदन अभियान के अंतर्गत पुलिस जवानों को दे रहा प्रशिक्षण

रायपुर. ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार की पहल पर हस्तशिल्प विकास बोर्ड ने सुरक्षा बलों एवं पुलिस विभाग अधिकारियों-कर्मचारियों को उनकी रूचि एवं प्रतिभा के अनुरूप विविध प्रकार की शिल्पकलाओं का प्रशिक्षण दिए जाने की शुरूआत की है। इसका उद्देश्य सुरक्षा बलों के जवानों की कला प्रतिभा को निखारना और उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देना है, ताकि सुरक्षा बल के जवान अपने अवसाद एवं मानसिक तनाव को दूर करने के लिए अपने खाली समय का उपयोग शिल्पकलाओं के निर्माण में कर सके।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि हस्तशिल्प के माध्यम से लोगों को रोजी-रोजगार से जोड़ने के प्रयासों के बीच यह एक अपने तरह की अभिनव पहल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चिन्ता, अवसाद और तनाव से बाहर निकलने के लिए व्यक्ति को अपनी कला एवं रूचि के अनुरूप काम करना चाहिए, इससे व्यक्ति प्रसन्नचित्त रहता है। ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने सुरक्षा बलों के जवानों को विभिन्न शिल्पकलाओं का प्रशिक्षण दिए जाने पर प्रसन्नता जतायी और कहा कि इसकी शुरूआत बस्तर जिले के शिल्पग्राम परचनपाल से की गई है। यहां सुरक्षाबलों के अधिकारी-कर्मचारियों को बेलमेटल शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, जूट शिल्प, कौड़ी शिल्प एवं अन्य शिल्पकलाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड जगदलपुर के महाप्रबंधक ने बताया कि सुरक्षा बलों एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के अवसाद एवं मानसिक तनाव को दूर करने हेतु बोर्ड द्वारा विभिन्न शिल्पकलाओं का प्रशिक्षण पुलिस विभाग के स्पंदन अभियान के अंतर्गत बस्तर जिले के शिल्पग्राम परचनपाल में दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 19 पोखरण वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल करनपुर के 20 जवानों को काष्ठ शिल्पकला का तीन माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण हेतु यहां एक मास्टर क्राफ्ट्समैन की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षणार्थियों को विभाग द्वारा कच्चा माल एवं औजार उपकरण उपलब्ध कराया गया है।



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