अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 : समय पर मिले पीड़ित पक्ष को अधिनियम का लाभ – सांसद अजगल्ले, अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की जिला स्तरीय मानिटंरिंग समिति की बैठक संपन्न

जांजगीर-चांपा. लोकसभा सांसद गुहाराम अजगल्ले की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत गठित जिला स्तरीय मानिटरिंग समिति की बैठक जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई।
श्री अजगल्ले ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के प्रावधानों के तहत पीड़ित पक्ष को सामयिक संरक्षण मिले यह सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि पीड़ित पक्ष को मिलने वाली राहत राशि समय पर मिले यह भी सुनिश्चित करें। सांसद ने कहा कि यह अधिनियम अनुसूचित जाति जनजाति को संरक्षण देने के लिए बनाया गया है। इस अधिनियम के प्रावधानो के तहत पीड़ित को लाभ मिलना चाहिए।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पी.सी. लहरे ने अवगत कराया कि वर्ष 2020-21 में 11 जनवरी तक दर्ज प्रकरणों में अनुसूचित जाति को 64 लाख 62 हजार 500 रूपये और अनुसूचित जनजाति को 15 लाख 25 हजार रुपए की राहत राशि का भुगतान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत वर्ष 2020-21 में 11 जनवरी तक कुल 107 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। जिसमें अनुसूचित जनजाति के 21 और अनुसूचित जाति के 86 प्रकरण शामिल है।



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