जांजगीर-चाम्पा. बीमा कंपनियों द्वारा 3 अलग-अलग मामलों में सेवा में कमी करते हुए दावा का भुगतान नहीं करने के मामले में उपभोक्ता आयोग ने हितग्राहियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए करीब 1900000 रुपए भुगतान का अवार्ड पारित किया है.
पहले मामले में सारागांव निवासी श्रीमती गायत्री यादव पति स्वर्गीय नान बाबू यादव के अनुसार, उसके पुत्र ने अपने बाइक का बीमा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से कराया था. उस वक्त बीमा मालिक ड्राइवर योजना के तहत हुआ था, जिसमें बीमा 1500000 रुपए था. बीमा अवधि के ही दौरान उसके पुत्र संदीप की वाहन दुर्घटना से मौत हो गई. बीमा योजना के तहत दावा करने पर कंपनी ने कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया. इस पर गायत्री ने मामला उपभोक्ता आयोग में प्रस्तुत किया उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तजेश्वरी देवी देवांगन, सदस्य मनरमण सिंह तथा मंजू लता राठौर ने सुनवाई में कंपनी को सेवा में कमी करना पाया और बीमा की रकम 1500000 रुपए 45 दिनों के भीतर भुगतान करने का फैसला सुनाया. साथ ही आवेदक को ₹5000 मानसिक क्षतिपूर्ति तथा ₹1000 वाद व्यय स्वरूप भुगतान का निर्देश दिया.
इसी तरह दूसरा मामला जांजगीर भाटापारा का है. प्रेम प्रकाश पिता गणेश राम ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से अपने चार पहिया वाहन का बीमा कराया था. बीमा होती में वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसकी मरम्मत पर ₹139672 खर्च हुए उक्त बीमा दावा पर कंपनी ने केवल ₹84000 का भुगतान किया. शेष ₹55672 का भुगतान करने से मना कर दिया. इस मामले में भी आयोग ने बीमा कंपनी को शेष रकम सहित 10000 मानसिक क्षतिपूर्ति तथा 2 हजार रुपए वाद विश्वरूप भुगतान का निर्देश दिया है.
तीसरे मामले में परसाही बाना अकलतरा निवासी धनाराम पटेल पिता किशनलाल ने अपने चार पहिया वाहन का बीमा रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी से कराया था. उक्त वाहन भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसके मरम्मत पर सर्विस सेंटर द्वारा 326512 रुपए का खर्च बताया उक्त खर्च के बीमा क्लेम पर कंपनी ने सेवा में कमी करते हुए अस्वीकार किया, जिस पर उपभोक्ता आयोग में सुनवाई करते हुए खर्च की संपूर्ण राशि सहित ₹15000 मानसिक क्षतिपूर्ति तथा ₹2000 वाद्य स्वरूप भुगतान करने का फैसला सुनाया है.