हजारों लोगों की जिंदगी बचाने वाला ये बहादुर चूहा 5 साल की नौकरी के बाद हुआ रिटायर

अफ्रीकी नस्ल का एक चूहा दुनियाभर में ‘हीरो’ के रूप में मशहूर हो गया है। उसकी बहादुरी के किस्से जानकर लोग हैरान हैं। दरअसल, इस 7 वर्षीय मगावा  नाम के चूहे ने अपने बम स्निफिंग करियर में हजारों लोगों की जिंदगी बचाई। यह कोई आम चूहा नहीं बल्कि सूंघ कर बारूदी सुरंगों का पता लगाने वाला एक ट्रेंड चूहा है, जो 5 साल की सर्विस के बाद रिटायर हो गया है। उसने दक्षिण पूर्व एशियाई देश कम्बोडिया में बारूदी सुरंगों का पता लगाने का काम बड़ी जिम्मेदारी के साथ किया।



चूहे को दी गई खास तरह की ट्रेनिंग

मगावा को इस तरह से ट्रेनिंग दी गई है कि वह बारूद को सूंघकर वक्त रहते अपने हैंडलर (चूहे की देखभाल करने वाला) को अलर्ट कर सके। उसने ड्यूटी के दौरान 71 लैंडमाइन्स और 38 जिंदा विस्फोटों का पता लगाकर हजारों लोगों की जान बचाई। बेल्जियम की गैर लाभकारी संस्था एपीओपीओ ने मगावा को ट्रेनिंग दी थी। यह संगठन चूहों को बारूदी सुरंगों और अस्पष्टीकृत विस्फोटों का पता लगाने का परिक्षण देता है। मगावा ने 1.4 लाख स्क्वायर मीटर से अधिक की जमीन की पड़ताल की है, जो कि करीब 20 फुटबॉल मैदानों के बराबर है।

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‘ब्रिटिश चैरिटी’ मेडल से सम्मानित है चूहा

इतना ही नहीं, मगावा को उसके काम के लिए ‘ब्रिटिश चैरिटी’ द्वारा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। दरअसल, ‘ब्रिटिश चैरिटी’ का जानवरों के लिए शीर्ष पुरस्कार जो अब तक विशेष रूप से कुत्तों के लिए आरक्षित था, वह मगावा अपने नाम कर चुका है। मगावा और काम कर सकता है। लेकिन एपीओपीओ का कहना है, ‘हालांकि, वह अभी भी हेल्थी है, लेकिन वो रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच गया है और जाहिर तौर पर वह सुस्त हो रहा है।’ बता दें, मगावा को साल 2016 में जब कम्बोडिया लाया गया तो वह सिर्फ 2 साल का था।

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मगावा के साथ काम करने पर है गर्व

मगावा की हैंडलर कहती हैं, ‘उसने अपनी सेवा में शानदार काम किया है। भले ही वो छोटा है लेकिन मुझे उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने पर गर्व है।’ बता दें, रिटायरमेंट के बाद भी मगावा उसी पिंजरे में रहेगा, जिसमें वो ड्यूटी के दौरान रहता था। उसकी दिनचर्या भी पहले की तरह होगी। साथ ही, उसका वैसा ही ख्याल रखा जाएगा जैसे कि पहले रखा जा रहा था।

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