दुर्घटना में वाहन हुआ क्षतिग्रस्त, बीमा कम्पनी ने हाथ खींचा, जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया ये फैसला…

जांजगीर-चाम्पा. एचडीएफसी बैंक से फाइनेंस में शिवाय करार्स रायपुर से वाहन क्रय करने के बाद एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से बीमा कराया गया था. खरीदी के 8 दिनों के भीतर ही दुर्घटना से पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के बाद उपभोक्ता को नया वाहन या मरम्मत करके उसी वाहन को नहीं देने पर जिला उपभोक्ता आयोग ने सेवा में कमी मानते हुए डेढ़ महीने के भीतर वाहन की कीमत 1823274 रुपे भुगतान करने का आदेश दिया है.



स्टेशन रोड नैला निवासी शुभम पालीवाल के अधिवक्ता ने बताया कि शिवाय कारस प्राइवेट लिमिटेड रायपुर तथा शिवाय कारस के बिजनेस हेड शताद्रु भौमिक से एचडीएफसी बैंक से फाइनेंस करा कर वाहन क्रय किया था उक्त वाहन की कीमत 1823374 रुपए तथा उक्त वाहन का बीमा एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड धारा 61688 रुपे प्रीमियम देकर 20 फरवरी 21 से 19 फरवरी 22 तक के लिए कराया गया इसी बीच करने के 8 दिन बाद ही 28 फरवरी को वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया वाहन को मरम्मत के लिए एजेंसी ले जाया गया, जहां सर्वेयर द्वारा मरम्मत योग्य नहीं होने का बात कही गई.

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इसके बाद आवेदक वाहन विक्रेता एचडीएफसी बैंक बीमा को इसकी सूचना दी. वाहन को मरम्मत कराकर देने या फिर नया वाहन देने की मांग की, लेकिन एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस द्वारा तर्क दिया गया कि वाहन का पंजीयन समय पर नहीं कराया गया था, जिसके कारण बीमा दावा अमान्य है.

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मामले में सेवा में कमी की बात करते हुए शुभम ने अधिवक्ता के माध्यम से उपभोक्ता आयोग में प्रस्तुत किया सुनवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष श्रीमती तजेश्वरी देवी देवांगन सदस्य मनरमण सिंह और श्रीमती मंजू लगा राठौर ने सुनवाई उपरांत पाया कि आवेदक ने समय पर वाहन पंजीयन बीमा की राशि संबंधों को दे दी थी. संबंधित द्वारा वाहन दुर्घटना के बाद वाहन मरम्मत कराकर नहीं देना सेवा की कमी की श्रेणी में आता है इस पर फैसला सुनाते हुए आवेदक को वाहन की राशि 1830374 रुपए के साथ ₹20000 मानसिक क्षतिपूर्ति ₹2000 वाद व्यय स्वरूप 45 दिन के भीतर भुगतान करना होगा.

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