नई दिल्ली. पीएम मोदी सरकार की तरफ से पिछले कुछ वर्षों में कई चरणों में चीनी ऐप्स को बैन किया गया है। इसमें से कुछ ऐप नाम बदलकर भारतीय मार्केट में एंट्री लेने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें सरकार ने हाल ही में दोबारा बैन किया है। केंद्र सरकार की तरफ से संसद में जवाब दाखिल करके बताया गया कि अब तक उनकी तरफ से करीब 320 मोबाइल ऐप को बैन किया जा चुका है। सरकार का कहना है कि यूजर्स की सिक्योरिटी और देश की एकता और अखंडता के चलते इन ऐप्स को बैन किया गया है। इन सभी ऐप्स को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के एक प्रावधान के तहत ब्लॉक किया गया है।
किन कानून के तहत बैन हुए चीनी ऐप्स
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि राज्य की संप्रभुता, अखंडता, रक्षा और सुरक्षा के हित में इन मोबाइल एप्लिकेशन को बैन किया गया है। उन्होंने कहा कि फरवरी में 49 ऐप्स को फिर से ब्लॉक कर दिया गया था, क्योंकि यह ऐप्लस पहले से ब्लॉक किए गए ऐप्स की रीब्रांडिंग के बाद लॉन्च किए गए थे। सरकार ने अब तक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए के प्रावधान के तहत 320 मोबाइल एप्लिकेशन को बैन किया है।
चीन से कारोबार पर क्या हुआ असर
केंद्र सरकार की तरफ से एक लिखित जबाब में कहा गया कि भारत को अप्रैल 2000 से दिसंबर 2021 के दौरान चीन से केवल 2.45 बिलियन अमरीकी डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ है। इस दौरान अप्रैल 2000 से दिसंबर 2021 के बीच भारत में कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में केवल 0.43 प्रतिशत हिस्सेदारी (2.45 बिलियन अमरीकी डालर) के साथ चीन 20 वें स्थान पर है।