जांजगीर-चाम्पा. राधा के गांव बारसाने की तरह पंतोरा गांव में ‘लट्ठमार होली’ मनाई गई. यहां कई सौ साल से यह परंपरा चली आ रही है, जहां कुंवारी कन्या बांस की छड़ी बरसाई और लोग, खुद से छड़ी खाने पहुंचे. यहां तक सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी भी बालिकाओं की जद में आए और उन्हें भी छड़ी खानी पड़ी. लोगों में मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन मनाई जाने वाली लट्ठमार होली में छड़ी खाने से मनोकामना पूरी होती है और बुरी शक्ति दूर होती है.
पंतोरा में माता के मंदिर में सबसे पूजा हुई, जहां मड़वारानी से लाई गई बांस की छड़ी को माता को समर्पित किया गया और देवी-देवताओं पर भी छड़ी बरसाए गए. यहां 9 कन्याओं की पूजा के बाद पूरे गांव में बांस की छड़ी बरसाई गई. इस पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह रहा और दूसरे इलाके से भी पंतोरा की लट्ठमार होली को देखने पहुंचे थे.