जांजगीर-चाम्पा. जांजगीर की सिटी कोतवाली पुलिस ने पारस पत्थर के लालच में बुजुर्ग बैगा की हत्या करने वाले 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. आरोपियों में एक महिला भी शामिल है. आरोपियों ने बुजुर्ग बैगा की हत्या कर बलौदा क्षेत्र के कटरा जंगल में शव को दफना दिया था.मुख्य
मुख्यमुख्य आरोपी – टेकचंद जायसवाल
इस हत्याकांड को सुलझाने में कॉल डिटेल और बुजुर्ग की पत्नी रामवती के बयान के साबित हुए. पारस पत्थर को लेकर बुजुर्ग बैगा को पहले हाथ-मुक्के से पिटाई की गई, फिर डंडे से मारकर हराया. पुलिस ने घटना में प्रयुक्त डंडा, बाइक और सब्बल को जब्त किया है. साथ ही, डकैती की रकम 9 हजार और चांदी के जेवर को जब्त किया है. आरोपी राजेश हरबंश, एक फारेस्ट आफिसर का बेटा है.इसी तरह कुछ आरोपी बाप-बेटे हैं तो पति-पत्नी भी हैं. साथ ही, जिले की कई जगहों के अलावा कोरबा जिले के आरोपी भी इस वारदात में शामिल रहे और लालच ने इन आरोपियों को संगीन वारदात के बाद सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. पुलिस ने घटना में प्रयुक्त 3 बाइक, डराने के लिए रखी नकली पिस्टल को भी जब्त किया है.
दरअसल, जांजगीर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के मुनुन्द गांव में 70 वर्षीय बुजुर्ग बाबूबाल यादव, बैगा बनकर झाड़फूंक का काम करता था. करीब 6 माह पहले बाराद्वार क्षेत्र के लोहराकोट गांव के टेकचंद जायसवाल को कहीं से पता चला कि मुनुन्द गांव के बुजुर्ग बैगा बाबूलाल यादव के पारस पत्थर है. इस पर उसने मुनुन्द जाकर बाबूलाल से बात की और पारस पत्थर के लिए पूजा करने कहा. इस पर बाबूलाल मान गया. बाद में, बाबूलाल ने पारस पत्थर नहीं मिलने की बात कही, लेकिन टेकचंद जायसवाल को भरोसा नहीं हुआ और उसने बाबूलाल से सम्पर्क किया, लेकिन अब बाबूलाल ने उससे दूरी बना ली थी.इस पर टेकचंद ने बलौदा के बिरगहनी के मनबोधन यादव को अपने झांसे में लिया, जिसके बाद मनबोधन अपनी पत्नी शांति बाई को लेकर झाड़फूंक कराने बाबूलाल के पास ले जाते रहे और बाबूलाल को भरोसे में लिया. यहां पारस पत्थर के बारे में पूछा, लेकिन बाबूलाल ने अन्यभिज्ञता जाहिर की.
8 जुलाई को 8 लोग बाबूलाल यादव के घर गए और पारस पत्थर के बारे में फिर पूछा, लेकिन जब वह कुछ नहीं बताया तो वे लोग बाबूलाल को कटरा जंगल साथ ले गए. इसके बाद बलौदा के कटरा जंगल में पारस पत्थर के बारे में जानना चाहा, लेकिन बाबूलाल ने कुछ भी पता नहीं होने की बात कही तो आरोपियों ने हाथ-मुक्के, डंडे से पिटाई की, जिससे बुजुर्ग बैगा बाबूलाल यादव ने दम तोड़ दिया. इसके बाद शव को वहीं छोड़कर आरोपी भाग निकले.
दूसरे दिन यानी 9 जुलाई को आरोपी फिर कटरा जंगल पहुंचे और शव को जमीन में दफना दिया.
8 जुलाई को मुनुन्द गांव से बाबूलाल को जबरन ले जाने को लेकर उसकी पत्नी ने सिटी कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि घर में 5 लोग घुसे और बंधक बनाकर घर की ख़ोदाई कर दी. यहां से बाबूलाल को साथ भी ले गए.
इसकी रिपोर्ट पर सिटी कोतवाली पुलिस ने कॉल डिटेल के माध्यम से और बाबूलाल की पत्नी के बयान के आधार पर जांच शुरु की, जिसके बाद पुलिस ने कुछ संदेही को पकड़कर जब पूछताछ की तो बुजुर्ग बैगा बाबूलाल यादव की हत्या से राज खुल गया.
आरोपियों ने एक-दूसरे से सम्पर्क कर पारस पत्थर मिलने पर लखपति-करोड़पति बनने का झांसा दिया था, जिसके बाद इस घटना में एक-एक कर 10 लोग शामिल हो गए.
आरोपियों ने बताया कि बलौदा के कटरा जंगल में बुजुर्ग बाबूलाल की हत्या कर उसकी लाश को दफन कर दिया है. इसके बाद पुलिस ने मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शव को बाहर निकलवाया.
मामले में पुलिस ने लेवई गांव से मृतक बाबूलाल के कपड़े, अन्य सामग्री के जले अवशेष को बरामद किया है. आरोपियों ने साक्ष्य छिपाने कपड़ों और अन्य सामग्री, मोबाइल को जला दिया था.
मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 302, 201, 120बी, 395, 342, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया है और बाराद्वार के लोहराकोट गांव के आरोपी टेकचंद जायसवाल, छवि प्रकाश जायसवाल, अकलतरा के महमदपुर गांव के रामनाथ श्रीवास, बलौदा के बिरगहनी गांव राजेश हरबंश, मनबोधन यादव, मनबोधन की पत्नी शांति बाई, पामगढ़ के सिर्री गांव के खिलेश्वर पटेल, कोरबा जिले के रिसदी गांव के यासीन खान, बोईदा गांव के तेजराम पटेल, कापूबहरा के अंजू कुमार पटेल को गिरफ्तार किया है.
सबसे खास बात यह है कि पारस पत्थर के चक्कर में बुजुर्ग बैगा बाबूलाल की जान चली गई और लालच ने 10 आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. आधुनिक और विज्ञान के युग में भी लोगों में अंधविश्वास और लालच, इसकदर हावी है, उसे इस घटना से समझा जा सकता है कि पारस पत्थर के कारण जहां एक बैगा की हत्या हो गई और बैगा को पारस पत्थर मिलने की शंका ने 10 लोगों को गुनहगार बना दिया.