नई दिल्ली. सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री की मौत ने कार की पिछली सीट पर बेल्ट की अनिवार्यता को चर्चा में ला दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि कार कंपनियों के लिए पिछली सीट पर बेल्ट नहीं लगाने की स्थिति में भी अलार्म अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है। अभी आगे की सीट बेल्ट के लिए ही अलार्म अनिवार्य है।
वाहनों में होगा सीट बेल्ट बीप सिस्टम
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘कार दुर्घटना में साइरस मिस्त्री की मौत के कारण, हमने निर्णय लिया है कि पीछे की सीटों के लिए भी वाहनों में सीट बेल्ट बीप सिस्टम होगा।’ टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की रविवार को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई, जब उनकी कार महाराष्ट्र के पालघर जिले में डिवाइडर से टकरा गई।
रियर सीट बेल्ट अलार्म अनिवार्य
गडकरी ने कहा, ‘सड़क दुर्घटना में सायरस मिस्त्री की मौत को देखते हुए हमने रियर सीट बेल्ट अलार्म भी अनिवार्य करने का फैसला किया है।’ यदि कारों में पिछली सीट पर भी बेल्ट न लगाने की स्थिति में अलार्म बजे तो लोग बेल्ट लगाने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने सभी कारों में छह एयरबैग अनिवार्य करने की बात भी कही है।
उन्होंने कहा, ‘वही कंपनी निर्यात के लिए बनाए गए माडल में छह एयरबैग लगाती है और भारत में बिकने वाले माडल में चार। क्या हमारी जिंदगी सस्ती है? एक एयरबैग मात्र 900 रुपये का होता है। थोक में यह कीमत और भी कम हो जाती है।’ पिछली सीट पर बैठे लोगों द्वारा सीट बेल्ट नहीं लगाने के मामले में कानून के अनुपालन पर भी जोर दिया जाएगा।
सीट बेल्ट नहीं पहनने पर लगता है जुर्माना
हालांकि पिछली सीटों पर बैठे यात्रियों द्वारा सीट बेल्ट नहीं पहनने पर केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम 138 (3) के तहत 1,000 रुपये का जुर्माना लगता है, लेकिन ज्यादातर लोग या तो इस अनिवार्य नियम से अनजान हैं या बस उन्हें अनदेखा कर देते हैं। यहां तक कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी सीट बेल्ट नहीं लगाने पर पीछे की सीटों पर बैठे यात्रियों पर शायद ही कभी जुर्माना लगाते हैं।
हाल ही में सड़क मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के दौरान सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण मारे गए और घायल हुए लोगों की संख्या क्रमशः 15,146 और 39,102 थी।
लोगों की मानसिकता में बदलाव की जरूरत
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रियर सीट बेल्ट के मामले में लोगों की मानसिकता बदलने की जरूरत पर भी बल दिया।
उन्होंने एक पुराना किस्सा याद करते हुए कहा, ‘आमजन को छोडि़ए, माननीय भी इस मामले में लापरवाह होते हैं। मैंने चार मुख्यमंत्रियों के साथ उनकी कार में सफर किया है।
सीट बेल्ट को लेकर बहुत कम लोग ही जागरूक होते हैं। एक बार मैं अगली सीट पर था। मैंने देखा कि वहां एक क्लिप लगी है, जिस कारण से सीट बेल्ट अलार्म नहीं बजा। मैंने ड्राइवर से पूछा और सीट बेल्ट लगाई। और अब मैंने ऐसी क्लिप बनाने व बेचने को प्रतिबंधित कर दिया है। बैक सीट बेल्ट को तो लोग जरूरी मानते ही नहीं है।’