जांजगीर-चाम्पा. महात्मा गांधी जी के 153 वीं वर्षगांठ के शुभअवसर पर ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल बनारी, जांजगीर के प्रांगण में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी व पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लालबहादुर शास्त्री जी की 118 वीं जयंती आयोजित किया गया।
विद्यालय के निर्देशक आलोक अग्रवाल एवं सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के द्वारा गांधी जी एवं लालबहादुर शास्त्री के तैल्यचित्र पर दीप प्रज्जवलन के साथ माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात शिक्षिका सरिता प्रधान, पायल साहू, लक्ष्मी राठौर ने ‘’वैष्णव जन को तेणे कहिए पीड़ पराई जाणें रे’’ भजन से कार्यक्रम को प्रारंभ किया गया। परीक्षा प्रभारी शिक्षक सागर विश्वकर्मा के उद्बोधन में गांधी जी द्वारा दिये गये विचार पर चलने के लिए कहा गया। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
उन्हीं के विचारों के सम्मान में 02 अक्टूबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। उनके सुविचार के साथ गांधी जी की जीवनी पर प्रकाश डाला गया। लालबहादुर शास्त्री के व्यक्तित्व को बताते हुए उनके द्वारा दिया गया नारा ‘जय जवान जय किसान‘ याद किया गया। साथ ही परीक्षा नियत्रंक सागर विश्वकर्मा सर के द्वारा महात्मा गांधी जी व लालबहादुर शास्त्री के जीवन के कुछ अन छुए बातों को परिलक्षित किया गया एवं शास्त्री जी को एक धर्मनिरपेक्ष, मजबूत, गौरवशाली भारत का सपना देखने वाले धरतीपुत्र के नाम से संबोधित किया।
लालबहादुर शास्त्री को देश का सबसे सरल, ईमानदार, कर्मठ, तेजस्वी माना जाता हैं। वे देश के जवानो व किसानों की गरिमा का उद्घोष करने वाले जाने जाते थे। साथ ही शास्त्री जी के अनछुए पहलुओ को धरती के लाल नामक पुस्तक में विस्तार पूर्वक व्यक्त किया गया है। शिक्षिका सना इस्लाम ने माहत्मा गांधी के विचारों को सबके समक्ष प्रस्तुत करते हुए सकारात्मक सोच रखने का संदेश दिया। शिक्षिका वर्षा सिंह ने दोनों महान पुरूषों को इस धरती पुत्र बताते हुए कहा कि इनके द्वारा ही देश का नवनिर्माण संभव हुआ है। शिक्षिका प्रियंका शर्मा के द्वारा गांधी जी व लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से संबंधित जानकारी प्रदान की गई।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं, कर्मचारीगण उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के अंत मे स्वच्छ भारत अभियान के तहत समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा विद्यालय परिसर में साफ-सफाई कर कार्यक्रम का समापन किया गया।