जांजगीर-चाम्पा. चांपा क्षेत्र के जैविक क़ृषि ग्राम बहेराडीह के किसान स्कूल में हमर संगवारी किसान उत्पादक कंपनी एफपीओ के किसानो के द्वारा धान की बालियों को बिच्छू का आकार देकर दुनिया के लोगों को यह सन्देश दे रहे हैं कि हमारा भोजन अर्थात आज का हमारे सभी अनाज बिच्छू की डंक में विद्यमान जहर की भांति जहरीला होता जा रहा है.
चूंकि, कोई भी फ़सल के अधिक पैदावार के लिए बेहिसाब रासायनिक खाद का इस्तेमाल और लगातार जहरीला कीटनाशक दवाओं का छिड़काव से भोजन के रूप में प्रतिदिन उपयोग किये जाने वाले भोजन जहर होते जा रहा है. जिसके सेवन से न सिर्फ मनुष्य बीमार पड़ रहे हैं. अर्थात मानव स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रही है. बल्कि पर्यावरण, जमीन, मिट्टी पर भी इसका दुष्प्रभाव दिखाई देने लगा है.
स्थानीय प्रगतिशील किसानों का कहना है कि यदि समय रहते इसमें सुधार नहीं होता हैं, तो निश्चित रूप से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ सकता हैं. आज दुनिया के अधिकतर लोग जैविक क़ृषि की आवश्यकता महसूस करने लगे हैं, वहीं केंद्र और राज्य सरकार भी जैविक क़ृषि को लेकर गंभीर नजर आ रही है, इसलिए जैविक खेती को बढ़ावा देने और लोगों को संदेश देने के लिए किसान स्कूल बहेराडीह में धान का झूमर बनाया जा रहा है, जो बिच्छू की आकृति का है. इसमें प्रशिक्षण लेने वाली महिलाएं भी भागीदारी निभा रही हैं.