Sakti Judgement : नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा, फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश का निर्णय

सक्ती. फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने 13 वर्ष 8 माह की नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर 20 वर्षीय आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है।



विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि 13 वर्ष 8 माह की नाबालिक अभियोक्त्री को अभियुक्त ट्रक ड्राइवर ने मोबाइल में रात्रि करीबन 12:00 बजे फोन कर उसके घर के बाहर बुलाया और नाबालिग किशोरी के अपने घर के ऊपर मंजिल से नीचे आने पर घर के बाहर मे अभियुक्त शादी करूंगा कह कर अपने साथ ले जाऊंगा बोला और नाबालिग किशोरी के मुंह को दबाकर अपने डंपर में बिठाकर नंदेली ले गया और नंदेली से रायगढ़ ले गया. रायगढ़ से अपने घर उत्तरप्रदेश ले गया, जहां नाबालिग किशोरी को अभियुक्त अपने घर ले गया और शादी कर लिया। नाबालिग किशोरी ने शादी करने से मना तथा विरोध किया तो अभियुक्त ने जलती लकड़ी के अंगीठी से उसके दाएं हाथ को जला दिया।

अभियुक्त नाबालिग किशोरी को अपने घर में एक हफ्ते तक अपने साथ रखा तथा उसके साथ दुष्कर्म किया । घटना की सुबह नाबालिग किशोरी के घर में पता नहीं चलने तथा आसपास तलाश के बाद नहीं मिलने पर नाबालिग किशोरी के पिता ने अपनी पुत्री की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना में दर्ज कराया था। नाबालिग किशोरी ने अपने पिता के मोबाइल में मैसेज किया जिसमें लिखा था मम्मी, पापा और भैया, नाबालिग किशोरी के पिता ने उक्त अपने मोबाइल को लेकर थाना गया और मोबाइल को बताया। जिस नंबर से मैसेज आया था उस मोबाइल नंबर के लोकेशन को ट्रेस करते हुए पुलिस वाले पौधन पुर रामपुर थाना अखंड नगर जिला सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश अभियुक्त के घर पहुंच गए और नाबालिग किशोरी को अभियुक्त के कब्जे से बरामद कर वापस थाना डभरा जिला शक्ति छत्तीसगढ़ लाये तथा नाबालिग किशोरी के माता-पिता को सूचना दिए।

थाना डभरा द्वारा अभियुक्त के खिलाफ त्वरित करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा विवेचना उपरांत भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366 376 की उप धारा – 2 (ढ ) भारतीय दंड संहिता एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय फास्ट ट्रेक कोर्ट (पोक्सो एक्ट) शक्ति में पेश किया गया । प्रकरण में अभियोजन द्वारा सभी महत्वपूर्ण 21 साक्षी को न्यायालय में परीक्षण कराया गया। विशेष न्यायालय शक्ति ने उभय पक्षों को पर्याप्त समय अपने पक्ष रखने के लिए देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया।

अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से अभियुक्त विकास कुमार पिता ननकउ गौतम उम्र 20 वर्ष निवासी उधमपुर रामपुर थाना अखंड नगर जिला सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश को विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी द्वारा सिद्ध दोष पाए जाने पर दोष सिद्ध घोषित किया गया ।अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1,000 का अर्थदंड भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 का अर्थदंड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के अपराध के लिए 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹ 10,000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है ।

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