Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा पर बन रहे ब्रह्म और इंद्र योग, इन 5 उपायों से मिलेगी नौकरी-बिजेनस में तरक्की, दूर होगा कुंडली का गुरु दोष

Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाते हैं। इस साल गुरु पूर्णिमा 03 जुलाई दिन सोमवार को है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरुजनों का आदर-सम्मान करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा को वेद व्याजी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहते हैं। इस साल गुरु पूर्णिमा पर ब्रह्म और इंद्र योग बन रहे हैं। सुबह में 05ः27 बजे से 06ः47 बजे तक भद्रा का साया है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आप 5 आसान उपायों से अपने नौकरी और बिजनेस में उन्नति पा सकते हैं और कुंडली का गुरु दोष भी दूर हो सकता है।



गुरु पूर्णिमा के उपाय

1. यदि जीवन में अच्छा गुरु और कुंडली में मजबूत बृहस्पति न हो तो व्यक्ति की उन्नति संभव नहीं है, वह चाहे बिजनेस हो या नौकरी। ऐसे में आप गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें, विष्णु पूजा में पंचामृत, तुलसी और पीले फूलों का उपयोग करें। गुड़, चने की दाल या फिर बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। विष्णु कृपा से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।

2. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने पूजा घर में गुरु यंत्र की स्थापना करके पूजन करें। उसके बाद हर गुरुवार को विधिपूर्वक पूजा करें। इससे आपके जीवन में गुरु ग्रह का सकारात्मक प्रभाव बढ़ेगा, आपकी तरक्की होगी। कमजोर गुरु ग्रह मजबूत होगा।

3. गुरु पूर्णिमा के दिन आप अपने गुरु के पास जाएं. उनको प्रणाम करके घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करें. भोजन, आदर-सत्कार आदि करने के बाद उनका आशीर्वाद लें। उपहार में पीले वस्त्र, धार्मिक पुस्तक दें। दक्षिणा देकर खुशीपूर्वक विदा करें। गुरु कृपा से बृहस्पति का दोष दूर होगा. भाग्य चमकेगा।

4. करियर में उन्नति के लिए गुरु पूर्णिमा पर पीले वस्त्र, पीली दाल, केसर, घी, पीतल, पीले रंग की मिठाई आदि का दान कर सकते हैं।

5. गुरु पूर्णिमा को घर के ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व दिशा को साफ करें, फिर उस पर हल्दी और पानी डालकर लेप कर दें। उसके बाद वहां घी के दीपक जलाएं, ईशान कोण का संबंध देव गुरु बृहस्पति से होता है। इस उपाय से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

गुरु पूर्णिमा तिथि 2023

गुरु पूर्णिमा की तिथि का प्रारंभरू 02 जुलाई, रविवार, रात 08 बजकर 21 मिनट से
गुरु पूर्णिमा की तिथि का समापनरू 03 जुलाई, सोमवार, शाम 05 बजकर 08 मिनट पर
शुभ् मुहूर्त या अभिजित मुहूर्तरू सुबह 11ः57 बजे से दोपहर 12ः53 बजे तक

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