जांजगीर-चाम्पा. विधानसभगा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही नेताओं में जुबानी हमला तेज हो गया है और नेताओं की बयानबाजी से सियासत तेज हो गई है. पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भी नेताओं के बयानों से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. मीडिया से बातचीत में पामगढ़ के JCCJ प्रत्याशी गोरेलाल बर्मन ने कहा है कि कांग्रेस के गद्दारों ने षड्यंत्र करके 2018 में उन्हें चुनाव हराया था. कांग्रेस के बड़े नेता ने षड्यंत्र किया था और कांग्रेस के गद्दारों को खरीदा गया था. उन्होंने कहा कि षड्यंत्र करने वाले इस बार सावधान रहें, क्योंकि पामगढ़ की जनता इन बातों को समझ चुकी है. वे क्षेत्र की जनता से दल के साथ नहीं, दिल से जुड़े हैं, उनका क्षेत्र के लोगों से पारिवारिक नाता है.
आपको बता दें, 2008 और 2018 में लोकगायक गोरेलाल बर्मन को कांग्रेस ने पामगढ़ विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था और दोनों बार उन्हें हार मिली है. 2018 की कांग्रेस लहर में 3 हजार 61 वोटों से चुनाव हार गए थे. इस बार कांग्रेस से टिकट नहीं मिली तो वे JCCJ से पामगढ़ में चुनावी मैदान में उतर गए हैं.
JCCJ प्रत्याशी गोरेलाल बर्मन ने कहा है कि राजनीति में जनभावना का महत्व होता है और कांग्रेस में टिकट देने में गलती हुई, क्योंकि कांग्रेस ने पामगढ़ में जनभावना का कद्र नहीं किया, इसलिए वे जनमानस की भावना को देखते हुए JCCJ की टिकट पर मैदान में उतरे हैं.
उन्होंने कहा कि उनके गाए गाना को कांग्रेस में स्वमेव बन्द करना चाहिए, गाना नहीं बजाना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर निर्वाचन आयोग से शिकायत की जाएगी और वे न्यायालय भी जा सकते हैं. गोरेलाल बर्मन ने ये भी कहा कि उन्हें गाना भी आता है, बजाना भी आता है. इस बार जनता भी बजाएगी, जनता बजाने के तैयार है.
गोरेलाल बर्मन ने JCCJ के 10 कदम, गरीबी खत्म के नारे पर कहा कि छत्तीसगढ़िया ऐसा सबल हो, मांगने वाले के बजाय देने वाला बने, यह JCCJ की कोशिश रहेगी. बसपा पर सवाल उठाते हुए गोरेलाल बर्मन ने कहा कि बसपा में अब मिशन नहीं, कमीशन का खेल शुरू हो गया है और राष्ट्रीय नेतृत्व चैन की निद्रा में सोया है. पामगढ़ में बसपा विधायक में सेवा भावना कम है, कमीशन की भावना ज्यादा है. विधायक को आम जनता की तकलीफ से कोई मतलब नहीं है.
गोरेलाल बर्मन ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा नीत मोदी सरकार खरीद फरोख्त करती है, राज्य में कांग्रेस सत्ता में है, जिसे जनभावना की फिक्र नहीं है, पामगढ़ क्ष्रेत्र में अभी बसपा की विधायक हैं. ऐसे में चतुष्कोणीय मुकाबला है. उन्होंने कहा कि पामगढ़ में पैसा वाला चुनाव नहीं जीतता है, सहानुभूति में जीत होती है. इस बार जनता की पूरी तैयारी है और जनता, गोरेलाल बर्मन के साथ हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य में 15 साल राज किया है और पामगढ़ की जनता ने 2013 में भाजपा पर भरोसा जताया था, लेकिन पामगढ़ के विकास को गति नहीं मिली.