ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जांजगीर में आर्ट इंटिग्रेशन के तहत विशेष कार्यक्रम आयोजित

ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल बनारी जांजगीर में संस्था के संचालक आलोक अग्रवाल एवं प्राचार्य श्रीमती सोनाली सिंह जी के निर्देशन में संस्था में आर्ट इंटिग्रेशन (सी.बी.एस.ई) के तहत केरल के स्कूल मार्कजुल उलुम, कोन्डोटी तथा हमारे ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा आनलाइन माध्यम से दोनों राज्यों की संस्कृति, वेश-भूषा, पहनावा, खान-पान, परंपरा इत्यादि के बारे में प्रश्नोंत्तरी के माध्यम से जानकारियों का आदान-प्रदान किया गया। इस गतिविधि की शुरूवात में सिद्धि सोनी (कक्षा-8वीं) द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ मार्कजुल उलुम, कोन्डोटी केरल के विद्यार्थियों द्वारा स्कूल एंथम गा कर किया।



मार्कजुल उलुम, कोन्डोटी केरल स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा लाइव प्रेजेंटेशन के माध्यम से केरल राज्य के खान-पान, पहनावा, वेशभूषा, परंपरा, संस्कृति को प्रदर्शित किया गया। तत्पश्चात् हमारे ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा हमारे छत्तीसगढ़ राज्य के खान-पान, वेशभूषा, पहनावा एवं संस्कृति इत्यादि को प्रदर्शित किया गया। जिसमे कक्षा आठवीं की छात्रा समृद्धि पांडे द्वारा छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में छत्तीसगढ़ी महिला को परिलक्षित किया गया। तत्पश्चात विभिन्न प्रश्नोत्तरी के माध्यम से एक दूसरे के राज्य के बारे में जानकारियां प्राप्त की गई। इस कार्यक्रम में कक्षा-7वीं, 8वीं एवं 9वीं के विद्यार्थी शामिल रहे।

ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल बनारी जांजगीर की प्राचार्या श्रीमती सोनाली सिंह द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा गया कि इस कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए दोनों स्कूल के विद्यार्थियों को बधाई एवं विद्यार्थियों को आने वाली परीक्षाओं के लिए शुभकामना एवं आशीर्वाद प्रदान किया। साथ ही मार्कजुल उलुम, कोन्डोटी केरल स्कूल के प्राचार्य श्रीमान शौकतअली टी. द्वारा भाषण प्रस्तुत करते हुए दोनों राज्य के विद्यार्थियों को बधाई एवं आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम के अंत में मार्कजुल उलुम, कोन्डोटी केरल स्कूल की उप प्राचार्या जीनथ टी.पी. द्वारा कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल बनारी जांजगीर की ओर से कार्यक्रम के क्रियान्वयन में संस्था के समस्त शिक्षक शिक्षिकाओ, एडमिन स्टाफ, ग्राउंड लेवल स्टाफ तथा संस्था शिक्षिका श्रीमती मिनीमोल थॉमस का विशेष योगदान रहा।

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