दिव्यांग जोड़ों के हाथों में सजी मेहंदी, निकाली गई बारात, अभावग्रस्त दंपतियों के जीवन में उजाला लाने का सार्थक प्रयास

सक्ती: सक्ती में दिव्यांग विवाह समारोह समिति द्वारा दिव्यांग और अभावग्रस्त दंपतियों के जीवन में उजाला लाने का सार्थक प्रयास किया गया. समिति द्वारा सक्ती शहर की हटरी धर्मशाला में दिव्यांग युवक-युवतियों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. इसमें 8 दिव्यांग और 1 अभावग्रस्त यानी 9 जोड़ों ने परिणय सूत्र में बंधकर एक नई जिंदगी की शुरुआत की. सामूहिक विवाह समारोह में जीवन साथी बनने वाले इन जोड़ों ने दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए भी प्रतिज्ञा ली. विवाह समारोह बेहद शानदार तरीके से आयोजित किया गया, जहां दिव्यांग जोड़ों के सपनों को साकार किया. सामूहिक विवाह समारोह के दौरान वे सभी महत्वपूर्ण संस्कार पूरे किए गए, जिनका पालन आमतौर पर भारतीय विवाह समारोहों में किया जाता है. इस दौरान वीडियोग्राफी, शादी के फोटो शूट, संगीत के साथ बारात में नाच-गाना, सब कुछ बड़े पैमाने पर हुआ. समारोह के दौरान सभी नवयुगलों को घरेलू सामान, स्टील के बर्तन, आभूषण, साडिय़ां दिव्यांग
समिति एवं अतिथियों द्वारा उपहार स्वरूप प्रदान किया गया.



दरअसल, दिव्यांग लोगों के लिए अपना घर बसाना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है. वित्तीय बाधाओं और शारीरिक कठिनाइयों के कारण शादी करना उनके लिए बहुत मुश्किल रहता है. ऐसे में सबकी सामाजिक जिम्मेदारी बनती है कि सभी जोड़ों की जरूरतों को पूरा करें और उन्हें किसी भी अन्य जोड़े की तरह सामान्य जीवन जीने का उपाय पेश करें. शादी के बंधन में बंधने के बाद दिव्यांग खुश नजर आए.

इस विवाह समारोह में शासकीय हाई स्कूल परसदा खुर्द गांव के स्काउट गाइड के बच्चों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया. साथ ही, इस समारोह में दृष्टिबाधित विकास संघ के महासचिव राजेंद्र कुमार बेहेरा एवं व्याख्याता लक्ष्मी नारायण, छतरी राजा राम कश्यप, सुरेश वैभव, दुलार साय कुर्रे, सुरेंद्र कुमार साहू एवं शासकीय हाई स्कूल परसदा खुर्द के समस्त स्टाप का सराहनी योगदान रहा.

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