DNA Testing: अक्सर सुना होगा डीएनए शब्द; आखिर क्या है DNA टेस्टिंग, ये कैसे बता देता है हमारे पूर्वजों के बारे में?

आपने कई बार डीएनए शब्द सुना होगा. यह हमारी आनुवंशिक जानकारी को स्टोर करता है और हमें हमारे पूर्वजों, स्वास्थ्य और यहां तक कि हमारे अनुवांशिक इतिहास के बारे में बता सकता है.



 

 

डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) हमारे शरीर की वह बायोलॉजिकल कोड है, जिसमें हमारी पहचान छिपी होती है. लेकिन क्या आपने सोचा है कि कैसे यह हमारे पूर्वजों के बारे में बता देता है? चलिए जानते हैं कि आखिर क्या है डीएनए टेस्टिंग और यह कैसे काम करता है..

 

 

 

क्या है डीएनए?
डीएनए हमारे शरीर के हर कोशिका में पाया जाता है. यह एक दोहरी कुंडलित (डबल हेलिक्स) संरचना में व्यवस्थित होता है, जो चार न्यूक्लियोटाइड्स-एडेनाइन (A), थायमिन (T), गुआनिन (G), और साइटोसिन (C)-से बनी होती है. इन न्यूक्लियोटाइड्स का संयोजन हमारे बालों के रंग, आंखों की बनावट और कई अन्य गुणों को तय करता है.

इसे भी पढ़े -  Sakti News : बन्धन बैंक सक्ती शाखा ने नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य में मनाया 10वां स्थापना दिवस

 

 

 

डीएनए टेस्टिंग कैसे होती है?
डीएनए टेस्टिंग के जरिए हमारे जीन की जानकारी को समझा जाता है. इस प्रक्रिया में हमारे शरीर से नमूने लिए जाते हैं, जैसे थूक, बाल, या खून. इन नमूनों से डीएनए को अलग किया जाता है और विशेष लैब तकनीकों से इसकी जांच की जाती है. डीएनए टेस्टिंग यह बताने में सक्षम है कि आपका पूर्वज कौन था, आप किन रोगों के प्रति संवेदनशील हैं, और यहां तक कि आपके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ आपका संबंध क्या है.

 

 

 

कैसे चलता है पूर्वजों का पता?
डीएनए टेस्टिंग का एक बड़ा उपयोग यह है कि यह हमारे पूर्वजों का इतिहास पता करने में मदद करती है. इसमें जीनोम (Genome) का विश्लेषण किया जाता है और यह समझा जाता है कि आपके पूर्वज कहां रहते थे, कौन से जातीय समूह से जुड़े थे और कौन-कौन सी अनुवांशिक विशेषताएं आप तक पहुंची हैं। कई लोग अपने वंश और परिवार के खोए हुए रिश्तों को तलाशने के लिए इसका उपयोग करते हैं.

इसे भी पढ़े -  Sakti News : 'स्वदेशी अपनाओ, विदेशी भगाओ अभियान' में गूंजा संकल्प, सक्ती में चेंबर ऑफ कॉमर्स ने दिलाई शपथ

 

 

डीएनए टेस्टिंग के अन्य उपयोग
डीएनए टेस्टिंग न सिर्फ पूर्वजों के बारे में बताती है, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाती है. यह अनुवांशिक रोगों का पता लगाने, आपराधिक मामलों को सुलझाने और माता-पिता की पहचान की पुष्टि करने में मददगार होती है. इसके अलावा, इसे कृषि और जैव प्रौद्योगिकी में भी उपयोग किया जाता है.

इसे भी पढ़े -  Dabhara News : 2 सितंबर को निःशुल्क नेत्र रोग एवं मोतियाबिंद जांच एवं निदान शिविर आयोजित, जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमल किशोर पटेल द्वारा कराया जा रहा आयोजन

error: Content is protected !!