जांजगीर-चाम्पा. जांजगीर के प्रथम श्रेणी न्यायालय ने फर्जी अंकसूची का उपयोग कर नौकरी करने और साक्ष्य छिपाने के मामले में आरोपी को 3 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी रामकृष्ण राठौर, फर्जी अंकसूची के माध्यम से मुख्य अभियंता मिनी माता हसदेव बांगो परियोजना में LDC के पद पर पदस्थ था.
लोक अभियोजन जांजगीर के उप संचालक एसएल पटेल ने बताया कि आरोपी रामकृष्ण राठौर ने फर्जी अंकसूची के माध्यम से नौकरी की थी और साक्ष्य छिपाए थे. जब इस मामले की शिकायत की गई तो सिटी कोतवाली पुलिस हरकत में आई और जांच की. जांच में पाया गया कि आरोपी ने नौकरी पाने के लिए फर्जी अंकसूची का उपयोग किया है. इस पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 420, 467, 468, 471, 201 के तहत मामला पंजीबद्ध किया था.
फिर आरोपी रामकृष्ण राठौर को गिरफ्तार किया था और मामला न्यायालय में चल रहा था. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सीमा कंवर ने आरोपी रामकृष्ण राठौर को सजा सुनाई है. मामले की पैरवी सहायक लोक अभियोजन सोनू अग्रवाल ने की.