जांजगीर-चाम्पा. जिले में यातायात पुलिस की अवैध वसूली की बात किसी से छिपी नहीं है. अलग-अलग जगह में पाइंट बनाकर जांच के नाम पर वसूली आम बात हो गई है. बड़ी बात यह है, दूसरे राज्यों के भारी वाहन देखने के बाद यातायात पुलिस की लार टपकती है और ऐसे वाहनों को जरूर रुकवाती है.
इनसे दस्तावेज की सभी जानकारी ली जाती है, फिर कुछ न कुछ कमी निकालकर खेल शुरू होता है, सौदेबाजी का. दूसरे राज्यों से आने की वजह से वाहन चालक, यातायात पुलिस की हर बात मानने या यूं कहें वसूली पर हामी भर देता है. जिले में यातायात पुलिस की यह रोज का काम हो गया है. ऐसे वाहनों में जांच के नाम पर जबरदस्त तरीके से वसूली की जा रही है.
अभी ऐसे ही एक भारी वाहन को जांजगीर में रुकवाया गया और उसकी जांच की गई. सभी दस्तावेज सही होने पर उसे नो एंट्री को लेकर परेशान किया गया. यहां मकसद उस वाहन चालक को परेशान करना था और उससे वसूली करने की मंशा रही. ऐसे ही हरकत से यातायात पुलिस की छवि खराब हो गई है.
सेटिंग वाले वाहन के लिए नो एंट्री के नियम का कोई पालन नहीं
जिला मुख्यालय जांजगीर में भारी वाहनों पर नो एंट्री का नियम है, लेकिन यातायात पुलिस से सेटिंग वाले वाहनों के लिए कोई नियम नहीं है. ऐसे वाहन आते-जाते रहते हैं. ऐसे वाहनों पर कार्रवाई भी नहीं होती. यह सब सेटिंग की वजह से होता है, लेकिन जैसे ही कोई दूसरे राज्य के भारी वाहन दिखा, उसे रोकने और उस वाहन के चालक से वसूली करने पुलिस बाज नहीं आती.