जांजगीर-चाम्पा. सिवनी गांव में स्थित केंद्रीय रेशम बोर्ड तसर अनुसंधान केंद्र में महामहिम राज्यपाल के सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना पहुँचे और कोसा रेशम धागाकरण को लेकर संबधित विभाग के अधिकारियों से चर्चा किया। करीब आधे घंटे रूकने के बाद वे रायपुर के लिए रवाना हो गये। महामहिम राज्यपाल के सचिव के सिवनी आने की भनक न तो यहाँ के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को लगी और न ही बुनकरों तथा ग्रामीणों को। वैसे भी सिवनी में अभी कलेक्टर, कमिश्नर और राज्य तथा केंद्र सरकार के सचिवों की कई बार आगमन होता रहा है लेकिन जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा होती रही है। इससे नाराज जनप्रतिनिधियों ने महामहिम राज्यपाल, राष्ट्रपति, सीएम और पीएम को जिले में लंबे समय से चल रही अफसरशाही नीतियों से अवगत कराने की बात कही है।
केंद्रीय रेशम बोर्ड तसर अनुसंधान केंद्र सिवनी चाम्पा पहुँचे महामहिम राज्यपाल के सचिव डॉ सीआर प्रसन्ना ने विभागीय अधिकारियों से कोसा रेशम बुनकर जैसे अन्य गतिविधियों की जानकारी लिया।
3 कर्मचारियों के भरोसे संचालित हो रहा तसर अनुसंधान केंद्र
सिवनी में स्थित भारत सरकार की केंद्रीय रेशम बोर्ड तसर अनुसंधान केंद्र में पदस्थ सहायक तकनीकी अधिकारी राजेंद्र पुरोहित ने महामहिम राज्यपाल के सचिव डॉ सी आर प्रसन्ना को बताया कि यहाँ पर 12 स्वीकृत पद हैं। सभी अधिकारी, कर्मचारियों की स्थानांतरण और कुछ सेवानिवृत्त हो गये हैं। इस समय मात्र 3 अधिकारी के भरोसे अनुसंधान केंद्र संचालित हो रहा है। इस दौरान कलेक्टर आकाश छिकारा समेत जिला पंचायत सीईओ गोकुल रावते व अन्य अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित थे।
क्या कहते हैं स्थानीय जनप्रतिनिधि…
ग्राम पंचायत सिवनी में प्रदेश के महामहिम राज्यपाल के सचिव के आने की सूचना नहीं मिली थी। उनके यहाँ से जाने के बाद मुझे जानकारी मिली कि यहाँ पर भी उनका आगमन हुआ था।
कृष्णकुमारी शिव सिंह सिदार, सरपंच, सिवनी, ब्लॉक बलौदा
सिवनी में अब तक लगातार राज्य और केंद्र सरकार के सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों, कलेक्टर, कमिश्नर,एसपी का विभागीय स्तर पर दौरा होते रहते हैं लेकिन स्थानीय स्तर के जनप्रतिनिधियों की इसकी सूचना नहीं दिया जाता। अभी महामहिम राज्यपाल के सचिव का भी आगमन यहाँ हुआ। जिसकी भनक तक हम जनप्रतिनिधियों को नहीं लगा, जबकि तसर अनुसंधान केन्द्र में पंचायत द्वारा इस समय लाखों रुपये की निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं।
चूड़ामणि राठौर, जनपद सदस्य सिवनी, ब्लॉक बलौदा,
जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा वैसे तो जिले में लंबे समय से चले आ रहा है। यहाँ पर अफसरशाही नीति हावी है। जो अनुचित है लेकिन सिवनी मेरी गृह ग्राम है। जहाँ पर महामहिम राज्यपाल और उनके साथ कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ यहाँ पर विभागीय कार्य की समीक्षा करने आये और हमें उनके आने की भनक तक नहीं लगी। जबकि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि आम जनता के प्रतिनिधि होते हैं, लेकिन आज उनके सम्मान के बजाय सरेआम अपमान हो रहा है। जो अनुचित है।
उमा राजेंद्र राठौर, सदस्य, जिला पंचायत
सिवनी में भारत सरकार की केंद्रीय रेशम बोर्ड का अनुसंधान केंद्र है। जहाँ पर महामहिम राज्यपाल के सचिव का आगमन हुआ। उसकी जानकारी कम से कम आम जनता के प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधियों को होना चाहिए। लेकिन उनके आने की जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नहीं दिया जाना बिल्कुल गलत है। इसकी शिकायत मैं छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत से करूँगा।
राघवेंद्र नामदेव, विधायक प्रतिनिधि, सक्ती विधानसभा