ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जाँजगीर में संस्था के संचालक आलोक अग्रवाल एवं प्राचार्य श्रीमती सोनाली सिंह के निर्देशन में विशेष गतिविधियों के साथ समर कैम्प का समापन किया गया। सर्वप्रथम बाल-वाटिका वर्ग में कक्षा-नर्सरी से लेकर कक्षा-दूसरी तक के विद्यार्थियों के लिए संस्था प्रांगण में ही रैन डान्स एवं पूल टब की व्यवस्था की गई थी। साथ ही, कक्षा-तीसरी से कक्षा-बारहवीं तक के विद्यार्थियों तथा संस्थागत समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं अतिथि प्रशिक्षकों के लिए आनंदम रिसोर्ट, अमरताल में पूल पार्टी की व्यवस्था की गई थी। विद्यार्थियों को संस्था प्रांगण से शिक्षक-शिक्षिकाओं की देख-रेख में बस द्वारा सकुशल आनंदम रिसोर्ट पहुँचाया गया। वहाँ विद्यार्थियों के लिए ट्रेजर हंट एवं आर्चरी खेल की व्यवस्था की गई थी। जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ट्रेजर हंट खेल में विद्यार्थियों को समूहवार बांटकर प्रतिभागी बनाया गया।
प्रत्येक सूमह के प्रतिभागी विद्यार्थी एक-एक करके सवालों का जावब ढूंढ़ते हुए खेल को पूरा किये। साथ ही रिसोर्ट प्रांगण में ही विद्यार्थी तीरंदाजी गतिविधि में भी प्रतिभागी बने। पूल स्थान पर पहुँचकर विद्यार्थीगण उत्साह एवं आनंद से भर उठे तथा शिक्षक-शिक्षिकाओं की देख-रेख में पूल पार्टी का आनंद लेने लगे। विद्यार्थियों द्वारा संगीत की मधुर ध्वनि के साथ रैन डान्स एवं पूल पार्टी का आनंद लिया गया। पूल पार्टी के पश्चात् विद्यार्थियों के लिए स्वल्पाहार में फ्रूट चाट की व्यवस्था की गई थी। समर कैम्प के अंतिम दिवस में विद्यार्थियों के साथ-साथ आए हुए अतिथि प्रशिक्षक एवं समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएँ आनंदित नज़र आए। तत्पश्चात् विद्यार्थियों को शिक्षकों की देख-रेख में सकुशल संस्था प्रांगण लाया गया तथा गर्मी की छुट्टियों की घोषणा के साथ उन्हें घर तक पहुँचाया गया।
इस समर कैम्प में लगभग 300 विद्यार्थी प्रतिभागी बनकर आर्ट एण्ड क्रॉफ्ट, पेपर मोल्डिंग, संगीत, कथक नृत्य, जुम्बा, कैनवा मल्टीमीडिया डिजाइन, बॉल गेम, आर्चरी, ट्रेजर हंट, वुड कारविंग, स्केटिंग, रंगोली एवं अन्य कलाओं का प्रशिक्षण लिए। आए हुए समस्त प्रशिक्षकों का सम्मान संस्था द्वारा प्रतीक चिन्ह देकर किया गया। इन समस्त गतिविधियों के साथ ब्रिलियंट समर कैम्प का सफल समापन किया गया। सम्पूर्ण समर कैम्प के सफल संचालन में संस्था के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं, एडमिन स्टॉफ एवं ग्रुप डी स्टॉफ का विशेष योगदान रहा।