सक्ती. धार्मिक स्थल तुर्रीधाम में दीपावली के पावन पर्व पर इस बार विशेष उत्साह एवं श्रद्धा के साथ मनाया गया. मंदिर परिसर को 15 सौ दीपों सजाया गया, जिससे पूरा मंदिर परिसर जगमगा उठा. श्रद्धालुओं एवं भक्तगणों ने मिलकर मंदिर परिसर में दीप प्रज्वलित किये. राकेश जायसवाल, जगेश्वर कंवर, लकेश जायसवाल द्वारा दीप दान किया गया था. इस मौके पर मंदिर के पुजारी सुरेश पूरी, सरपंच पति गजाधर कंवर, संदीप अग्रवाल, सुमित पारीक, राकेश जायसवाल, गौरी, जागेश्वर, मनीष, दिलीप जायसवाल सहित अन्य भक्तगण मौजूद थे.
आपको बता दें, इस तुर्रीधाम मंदिर का स्थापत्य अनोखा है. यह शिवलिंग पूर्वाभिमुख है. इसके चारों ओर मंडप बनाया गया है. गर्भगृह मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से 8 फीट की गहराई पर है. इस तुर्रीधाम की प्रमुख विशेषता यह है कि इसके गर्भगृह में एक प्राकृतिक जलस्त्रोत है, जो निरंतर शिवलिंग पर गिरते रहता है. यह जलस्त्रोत अनादि काल से अनवरत बहता हुआ आ रहा है. इसी जलस्रोत के नीचे ही प्राचीन शिवलिंग स्थापित है, जिस पर सदैव ही प्राकृतिक रूप से शिवलिंग पर जल अभिषेक होता रहता है, लेकिन अब तक यह पता नहीं चला है कि आखिर जलधारा कहां से बह रही है ?