हार्ट अटैक के इतनी देर बाद शुरू हो जाए इलाज तो बचायी जा सकती है मरीज की जान, पढें डिटेल्स

हाल ही में लैक्मे फैशन वीक (Lakme fashion week) में रोहित बल ने दोबारा अपना काम शुरू किया था लेकिन, अपनी हेल्थ की वजह से उनके लिए पहले की तरह काम कर पाना मुश्किल हो गया। वहीं, बीते दिन उन्हें हार्ट अटैक आ गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, 63 साल के रोहित बल (Rohit Bal heart attack) की अचानक तबीयत बिगड़ गयी जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेंदाता हॉस्पिटल (Medanta Hosipital, Gurugram) में भर्ती कराया गया था। लेकिन, रोहित बल को बचाया नहीं जा सका और उनका निधन हो गया। (Rohit Bal death after heart ailments)



 

 

 

क्यों आता है हार्ट अटैक ? (Heart attack reasons and causes)
दिल का दौरा पड़ना यानी हार्ट अटैक के आना एक गम्भीर स्थिति है। पहले यह जानलेवा स्थिति उन्हीं लोगों में देखी जाती थी जिन्हें हार्ट से जुड़ी पुरानी बीमारियां हों या उम्र बढ़ने के साथ जिनका शरीर और हार्ट कमजोर हो चला हो। लेकिन, कोरोना महामारी के बाद अचानक से हार्ट अटैक के मामलों मे बहुत अधिक बढ़ोतरी भी देखी जा रही है। बता दें कि, अब हार्ट अटैक बहुत कम उम्र के लोगों में भी देखा (Heart attack in yount) जा रहा है और इसका एक बड़ा कारण कोविड महामारी (heart attacks after covid) को भी बताया जा रहा है।

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(bloot clotting in vessels) बन जाते हैं जिसकी वजह से नसों में ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरीके से नही हो पाता। रक्त के संचार में इस तरह अड़चन आने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
क्या हार्ट अटैक के बाद बच सकती है जान ? (Can a person survvive after heart attack)
एक्सपर्ट्स द्वारा हमेशा यह बात कही जाती है कि मरीज को हार्ट अटैक आने के बाद सीपीआर (CPR) देना चाहिए।
हार्ट अटैक आने के बाद
जल्द से जल्द सीपीआर मिल जाने और समय पर इलाज शुरू किए जाने से मरीज की जान बचाना भी आसान हो सकता है।
हार्ट अटैक आने के बाद मरीज़ की जान बचाने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि उसे कितनी देर में उपचार मिला है। कभी भी हार्ट अटैक आने के बाद तुरंत मरीज को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन या सीपीआर देना चाहिए। सीपीआर देना महत्वपूर्ण है क्योंकि सीपीआर देने से मरीज़ के दिल तक ऑक्सीजन और ब्लड की सप्लाई तेज की जा सकती है। (why CPR is important after heart attack)..

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क्या कहते हैं आंकड़े?
एक रिसर्च के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट के बाद अगर मरीज को तुरंत सीपीआर मिल जाए तो मरीज के बच पाने के आसार 22 प्रतिशत तक बढ़ (chances of survival after heart attack with the help of CPR) जाते है। जबकि, अगर 39 मिनट या उसके सीपीआर दिया जाए, तो मरीज को बचा पाने की 1 फीसदी से भी कम हो जाती है।

 

 

 

हार्ट अटैक का खतरा कम करने के उपाय क्या हैं?

हार्ट अटैक का रिस्क कम करने और हार्ट अटैक आने के बाद जान बचाने की संभावना बढ़ाने के लिए मरीज को पनी लाइफस्टाइल पर भी ध्यान देने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर की मदद से कुछ ऐसे लाइफस्टाइल चेंजेस कर सकते हैं जो आपके हार्ट को स्ट्रॉन्ग और हेल्दी बनाएं। ऐसी ही कुछ आदतें ये रहीं-

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स्मोकिंग ना करें

हर दिन थोड़ी देर कसरत करें।

कोलेस्ट्रॉल लेवल को हमेशा नियंत्रित रखें।

हाई ब्लड प्रेशर लेवल की स्थिति से बटें

अपना वजन कम करें।

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