नई दिल्ली. अमेरिका में 5G रोलआउट को लेकर विमानन कंपनियां की आपत्ति के बीच भारत में रिलायंस जियो (Reliance Jio) देश के 1000 शहरों में 5G लॉन्च की तैयारी में है। कंपनी अपने 5G नेटवर्क पर हेल्थकेयर और इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन के टेस्ट कर रही है। 5G नेटवर्क पर डेटा की खपत अधिक होगी, इसलिए कंपनी उच्च खपत वाले इलाकों और ग्राहकों की पहचान के लिए हीट मैप्स, 3डी मैप्स और रे ट्रेसिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रही है।
ग्राहक आधारित 5G सॉल्युशन्स को डेवलेप करने के लिए जियो ने कई टीमें बनाई हैं, जिन्हे भारत के साथ-साथ अमेरिका में भी तैनात किया गया है ताकि वे विभिन्न प्रकार के 5जी सॉल्युशन्स को डेवलेप कर सकें। कंपनी का मानना है कि ये टीमें ऐसे 5जी सॉल्युशन्स तैयार करेंगी, जो तकनीकी स्तर पर दुनिया के समकक्ष या उनसे बेहतर होंगे। इसके अलावा कंपनी ने यूरोप में एक टेक्नोलॉजी टीम भी बनाई है जो 5जी से आगे की तैयारी करेगी।
5जी के लिए तेजी से डिप्लॉयमेंट के लिए कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से बढ़ा रही है। साइट्स पर फाइबर और बिजली की उपलब्धता को भी बढ़ाया जा रहा है, ताकि जब 5जी रोलआउट का वक्त आए तो इसमें कोई रुकावट या देर न हो। जियो ने इस तिमाही करीब 1 करोड़ 20 लाख ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा। परंतु सिम कंसोलिडेशन की कोशिशों के चलते जियो ने उन उपभोक्ताओं को सूची से हटा दिया है, जो सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे।
इस वजह से इस तिमाही में जियो की कुल उपभोक्ता संख्या में 84 लाख की कमी आई है। जियो का ग्राहक आधार अब 42 करोड़ 10 लाख के करीब है। उधर जियो फाइबर के उपभोक्ताओं की संख्या भी 50 लाख के पार पहुंच गई है।