जांजगीर-चाम्पा. छत्तीसगढ़ के उज्जैन के नाम से विख्यात जांजगीर क्षेत्र के पीथमपुर गांव में बाबा कलेश्वरनाथ की बारात धूम धाम से निकली. यहां 2 सौ साल से भी अधिक समय से रंग पंचमी के दिन शिव बारात की परंपरा है, जिसमें देश भर के अलग-अलग अखाड़ों से नागा साधु पहुंचे थे.
यहां नागा साधू शौर्य प्रदर्शन करते नजर आए, जिसे देखने के लिए हजारो की संख्या में लोग दूर दूर से पहुचे थे. मान्यता है कि बाबा कलेश्वरनाथ के दर्शन मात्र से निःशनतानो को संतान प्राप्ति होती है, वहीं पेट संबंधी पुराने से पुराना रोग से भी निजात मिलता है।
गौरतलब है कि जांजगीर क्षेत्र के पीथमपुर स्थित बाबा कलेश्वर नाथ पर लोगों की अगाध आस्था है। लोग, बाबा कालेश्वर नाथ को कलेश हरने वाला मानते है. यही वजह है की आज धूल पंचमी के दिन बाब कलेश्वर नाथ के बारात में शामिल होने के लिए दूर दूर से लोग पहुचते है। पीथमपुर में शिव बारात निकालने की पुरातन परंपरा चली आ रही है. पीढ़ियों की यह परंपरा आज भी कायम है, यह बारात बाबा कलेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण से प्रारम्भ हो कर वापस मंदिर में समाप्त होती है। बारात के दौरान चाँदी से बनी विशाल पालकी में बाबा कलेश्वर नाथ को लेकर नगर भ्रमण कराया जाता है, जिसके बाद हसदेव नदी के तट पर प्रतिमा को स्नान करा महाआरती की जाती है.
महाआरती के बाद बाबा कलेश्वर नाथ की मूर्ति को वापस मंदिर में स्थापित किया जाता है। इस बारात में अलग अलग अखाड़ो के नागा साधुओ की भूमिका अहम् रहती है, जो कि अपने अखाड़ों का शौर्य प्रदर्शन करते हैं। पीथमपुर में बाबा कलेश्वर नाथ के बारात के बाद आज से 15 दिवसीय मेले की शुरूवात होगी, जिसमें प्रदेश भर से दर्शनार्थी शामिल होने पहुंचते हैं।