रायपुर: Prime Minister Fasal Bima Yojna किसानों के कल्याण को लेकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाई गई थी, लेकिन इस योजना में भी कई गड़बड़ी सामने आई है। बीमा राशि को लेकर किसानों के साथ छलावा हो रहा है। छत्तीसगढ़ में 195 करोड़ रुपए की बीमा राशि किसानों के खाते में ना जाकर सहकारी बैंक के खाते में चली गई। अब इस मुद्दे को लेकर बीजेपी विरोध के मूड में आ गई है।
Prime Minister Fasal Bima Yojna छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। प्रदेश के किसानों को साल 2021 की खरीफ फसल के लिए मिलने वाली 195 करोड़ की बीमा राशि, किसानों के खाते में ना जा कर रायपुर के सहकारी बैंक के खाते में पहुंच गई। खुद सहकारी बैंक को नहीं पता कि ये कितने किसानों की राशि है और किस किसान को कितने का भुगतान करना है। अब बीजेपी इसे किसानों के हक पर डाका बताते हुए मैदान में कूद गई है। छत्तीसगढ़ के कृषि संचालक की ओर से राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक को लिखा गया ये पत्र गवाह है कि योजना के तहत किसानों को मिलने वाली क्लेम राशि का सिस्टम कितना खराब और गैर जिम्मेदाराना है। बेवजह आई इस बड़ी राशि को लेकर सहकारी बैंक ने भी कोई सवाल जवाब नहीं किया, और ब्याज की कमाई के लिए उसे दूसरे बैंक में जमा करा दिया। अब बीजेपी इसे किसानों के हक पर डाका बताते हुए विरोध में उतर आई है।
23 मार्च को कृषि संचालक की ओर से लिखे पत्र में भी इसे सही नहीं माना गया है। बीजेपी का आरोप है कि बीमा की राशि सीधे किसानों के खाते में जानी चाहिए थी। ऐसा नहीं होना सीधे-सीधे सहकारी बैंक और बीमा कंपनी के बीच मिलीभगत को दिखाता है। बीजेपी के विरोध के बाद सहकारी बैंक ने भी माना है कि गलती से ये राशि सहकारी बैंक के खाते में आ गई है। लेकिन उसे किसानों के खाते में पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इस घटना ने फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब फसल का बीमा होता है तब हर किसान के अकाउंट से बीमा का प्रीमियम काटा जाता है, ऐसे में डीबीटी योजना के तहत सीधे अकाउंट में पैसे ना जाना ही अपने आप में बड़ी गड़बड़ी है।