नई दिल्ली: दिल्ली के नोएडा से डिजिटल रेप का एक मामला सामने आया है। जहां पुलिस ने 81 साल के एक चित्रकार को 17 वर्षीय नाबालिक के साथ ‘डिजिटल रेप’ के अपराध में गिरफ्तार किया है। दरअसल, नोएडा के एक चित्रकार मौरिस राइडर जो कि मूल रूप से प्रयागराज का निवासी है। मौरिस कई सालों से नोएडा में रहता है।मौरिस को 17 साल की लड़की के साथ ‘डिजिटल रेप’ करने के साथ पीड़िता के साथ अश्लील हरकत करने का भी आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि मौरिस पहले हिंदू था और बाद में उसने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया।
बता दें पीड़िता के साथ रहने वाली महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 17 साल की बच्ची के साथ 81 साल का व्यक्ति डिजिटल तरीके से छेड़छाड़ और रेप की वारदात को अंजाम दे रहा है। स्थानीय पुलिस ने जब इसकी जांच की तब पता चला कि आरोपी खुद को लड़की का संरक्षक बताता था और अक्सर बच्ची को अश्लील वीडियो दिखाकर उसके साथ रेप और छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम दे रहा था।
पढ़ाने के बहाने लाया था साथ
लड़की ने अपनी शिकायत की और बताया कि जब वह 10 साल की थी, तब मौरिस उसे अपने घर ले आया था। मौरिस उसके पिता से पीड़िता को पढ़ाने के बहाने उसे नोएडा लेकर आया था। इसके बाद मौरिस उसे नोएडा लाकर उसका यौन शोषण करने लगा। पीड़िता ने बताया कि इसका विरोध करने पर उसके साथ मारपीट भी की जाती थी। इतना ही नहीं पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी उसे अश्लील वीडियो दिखाकर उसके प्राइवेट पार्ट को भी छूता था। 22 साल पहले प्रयागराज से नोएडा आया था
गौरतलब है कि मौरिस पहले हिन्दू था उसके बाद उसने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया। इसके बाद अपने करियर को बेहतर बनाने के लिए मौरिस 22 साल पहले अपनी पत्नी के साथ प्रयागराज से नोएडा आया था और फिर वहीं बस गया। स्थानीय पुलिस का कहना है कि नोएडा आने के बाद मौरिस की मुलाकात 2000 में दिल्ली की रहने वाली एक महिला से फोटो प्रदर्शनी के दौरान हुई थी। इसके बाद महिला मौरिस के साथ रहने लगी।
क्या होता है ‘डिजिटल रेप’
Digital Rape : सूत्रों के मुताबिक डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं होता है कि किसी लड़की या लड़के का यौन शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए। यह दो शब्द डिजिट और रेप से मिलकर बना है। अंग्रेजी के डिजिट का मतलब जहां अंक होता है, वहीं अंग्रेजी शब्दकोश के मुताबिक उंगली, अंगूठा, पैर की उंगली, इन शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है। यौन उत्पीड़न जो डिजिट से किया गया हो, तब उसे ‘डिजिटल रेप’ कहा जाता है। दरअसल, डिजिटल रेप से जुड़ी घटनाओं में महिला के प्राइवेट पार्ट में फिंगर्स का इस्तेमाल किया जाता है। निर्भया कांड के बाद महिलाओं के खिलाफ बढ़ते दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए ‘डिजिटल रेप’ में भी सख्त सजा का प्रावधान किया गया।