रायपुर. पोषण के साथ ही प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख एवं शिक्षा भी बच्चों के विकास का महत्वपूर्ण पहलू है। इसे देखते हुए राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने शून्य से छह वर्ष के बच्चों के समग्र विकास के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख एवं शिक्षा (ईसीसीई) पर आधारित एक अभिनव प्रयास शुरू किया है। इसके तहत डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अभिभावकों तक बच्चों के समग्र विकास की सटीक सूचनाएं प्रेषित की जा रही है। इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए प्रदेश में लागू लाकडाउन के चलते सभी आंगनबाडियों का संचालन भी बंद है। आंगनबाडियों के बंद होने से बच्चों के स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए राज्य सरकार ने व्यापक प्रबंध किया है। इस अवधि में आंगनबाड़ी में प्रदाय किए जाने वाले पोषण आहार को टेक होम राशन प्रदाय के रूप में हितग्राहियों के घर तक पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अभिभावकों तक बच्चों की समग्र विकास की सटीक सूचनाओं की श्रृंखला का प्रसारण प्रत्येक सोमवार को किया जा रहा है। प्रत्येक सोमवार को व्हाट्सएप्प के माध्यम से शून्य से 3 वर्ष आयु समूह और 3 से 6 वर्ष आयु समूह के विकास से संबंधित 3-4 मिनट के दो संदेश विभाग द्वारा प्रेषित किए जाएंगे। जिन अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन उपलब्ध है, उन तक विभाग द्वारा व्हाट्सएप्प के माध्यम से संदेश प्रेषित किए जाएंगे। अन्य अभिभावकों तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा यह संदेश पोषण आहार वितरण या गृह भेंट के समय पहुंचाए जाएंगे और उपयुक्त परामर्श भी दिया जाएगा। कार्यकर्ताओं को संदेश देते समय कोरोना वायरस (कोविड-19) के फैलाव की रोकथाम के लिए निर्धारित निर्देश जैसे-स्वच्छता सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेसिंग) आदि का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
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