किसी को सम्मान दिया जाए तो सामने वाले को महसूस भी कि आप उसे सम्मान दे रहे हैं। लेकिन मात्र फॉर्मेलिटी के लिए मिले अवार्ड को वापस कर देना बेहतर है।
यह हमारे शब्द नही बल्कि आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए लांस नायक गोपाल सिंह के परिजनो के हैं। भारतीय सेना ने जब कोरियर करके शौर्य चक्र भेजा तो परिजनो ने उसे वापस कर दिया। क्योंकि परिजनो को लग कि सेना ने मेडल को पोस्ट से भेजकर प्रोटोकॉल तोड़ा है।
दरअसल सेना ने यह सम्मान डाक के जरिए गोपाल सिंह के घर भेजा था। जिससे उनका परिवार काफी नाराज था। उनका कहना है कि सेना ने उनके बेटे के शहादत का सम्मान नहीं किया है।अहमदाबाद के रहने वाले शहीद के पिता मुकिम सिंह ने 5 सितंबर को ही यह अवार्ड सेना को वापस कर दिया था।
उनका कहना है कि यह अवार्ड सम्मान के साथ उनके परिवार को राष्ट्रपति भवन में मिलना चाहिए। इसके लिए अगर कुछ समय भी लगता है तो वह इंतजार करने के लिए तैयार है। लांस नायक गोपाल सिंह को यह पुरुष्कार 26/11हमले के लिए दिया गया था।
परिजनो ने यह भी कहा कि ऐसे मेडल राष्ट्रपति भवन में दिये जाते हैं। इस सम्मान को किसी आर्मी के सीनीयर अधिकारी के हाथों से परिवार को मिलना चाहिए। ऐसे सम्मान को 26 जनवरी या फिर 15 अगस्त को देना चाहिए। जिससे पूरा देश शहीद की शौर्य गाथा को जान पाए।