जांजगीर-चाम्पा. ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल बनारी, जांजगीर के बच्चों द्वारा हिंदी सप्ताह के अवसर पर अनेक प्रकार की कार्यक्रम व प्रार्थना सभा हिंदी में आयोजित की गयी। विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती सोनाली सिंह व विद्यालय के निदेशक आलोक अग्रवाल के सानिध्य में हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। विद्यालय के निर्देशक आलोक अग्रवाल ने बताया गया कि विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को तथा 14 सितंबर 1949 को भारत में मनाया गया। 10 जनवरी 2006 से विश्व हिंदी दिवस की शुरूवात हुई थी 14 सितंबर के हिंदी दिवस को सिर्फ भारत में मनाया जाता है। हिंदी दिवस के ऊपर दो लाइन
‘‘हिंदी भाषा नही भावों की अभिव्यक्ति है,
यह मातृभूमि पर मर मिटने की भक्ति है।‘‘
आओ सब मिलकर आज करे, हिंदी का सम्मान
हिंदी गौरव है हमारा, हिंदी है अभिमान
हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में प्री-प्रायमरी के बच्चों ने विभिन्न प्रकार के गतिविधियों जैसे- स्वर तथा व्यंजन से सम्बंधित चित्र कला, कविताएँ तथा अक्षर पहचानों गतिविधियों एवं विभिन्न भाषाओं की तुलना कर हिंदी भाषा के महत्व तथा उपयोग को प्री-प्रायमरी के शिक्षिकाओं के द्वारा गतिविधियों के माध्यम से समझाया गया। बच्चों ने हिंदी भाषा को अन्य सभी भाषा से आसान और सरल कहा, हिंदी दिवस के महत्व को समझा तथा उससे सम्बंधित कविताएँ प्रस्तुत किया। तत्पश्चात कक्षा पहली व दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों के द्वारा हिन्दी कविता पाठ, कक्षा तीसरी से पांचवी – हिन्दी कहानी लेखन, श्रुतलेख कक्षा छठवीं से आठवी – हिन्दी स्लोगन व चित्रकला, कक्षा नवमी से ग्यारहवीं – अनुच्छेद लेखन, चित्रकला और नारा लेखन में बढ़चढ़ कर भाग लिया। ये सभी कार्यक्रम हिन्दी कक्षा के दौरान किया गया, साथ ही प्रार्थना सभा के दौरान पौराणिक प्रश्नोंत्तरी छात्र-छात्राओं और शिक्षक-शिक्षिकाओं से किया गया एवं छात्रों के द्वारा हाउस बोर्ड डेकोरेशन चारों सदनों के छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया। कार्यक्रम प्रभारी शिक्षिका – श्रीमती आशा राठौर, श्रीमती विजयलता राठौर, श्रीमती साधना सिंह, सुश्री प्रियंका शर्मा व प्रार्थना सभा प्रभारी श्रीमती मनदीप कौर(एच.एम) उपस्थित थे।
प्रथम दिवस में श्रीमती आशा राठौर के द्वारा हिंदी भाषा के महत्व की जानकारी दी गई, द्वितीय दिवस को श्रीमती साधना सिंह के द्वारा हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य हमारे लिए हिंदी की आवश्यकता को उदाहरण के माध्यम से समझाया जिस प्रकार्र ईट-ईट से महल का निर्माण होता है। ठीक उसी प्रकार हिंदी भाषा अनेक अक्षर-अक्षर जोड़कर शब्दों का निर्माण होता हैं। तृतीय दिवस में श्रीमती विजयलता राठौर के द्वारा कहा गया कि हिन्दी सम्पर्क की भाषा है, संस्कृति, सभ्यता व संस्कार की अभिव्यक्ति का आधार है और अपने ही देश में हिन्दी भाषा के प्रयोग को कम होते देखकर हिन्दी भाषा को आगे बढ़ाने के प्रयास को जरूरी बताया, तथा कवि कबीर दास जी के दोहे ‘‘मन के हारे हार है मन के जीते जीत कहें कबीरा हरि पाइए मन की ही परतीत‘‘ के माध्यम से बच्चों को सकारात्मक सोचनें के लिए प्रेरित किया। चतुर्थ दिवस में सुश्री प्रियंका शर्मा नेे हिंदी भाषा को सदा सम्मान देने को कहा। श्रीमती अंजू चतुर्वेदी ने बताया कि हिन्दी हमारी राजभाषा है और हिन्दी की अपनी अलग ही गरिमा है। हिन्दी भाषा को विभिन्न विदेशी भाषाओं के सामने बहुत तेजी से गिरावट का सामना करना पड़ रहा है और मातृभाषा की आवश्यकता को समझने के लिए और इसके महत्व को समझने के लिए हिन्दी दिवस मनाना जरूरी है, यह हिन्दी भाषा और इसके महत्व को जानने का अवसर प्रदान करता है। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के उर्पिस्थत सराहनीय रही।