XDR है टीबी का सबसे खतरनाक रूप… इस रोग से ग्रसित व्यक्ति बढ़ा सकता है समस्या, जानें कारण और उपाय

कन्नौज: टीबी की बीमारी में सबसे खतरनाक एक्सडीआर टीवी को माना जाता है. जिले में इसकी पहचान के लिए जांच की सुविधा नहीं है. जबकि बीते 2 माह में टीबी के 13 मरीज मिल चुके हैं. यदि कोई टीबी पीड़ित एक्सडीआर से पीड़ित है तो वह दूसरों को भी टीबी के इस खतरनाक रूप से ग्रसित कर सकता है, ऐसे में मरीजों की पहचान ना होना बेहद खतरनाक है. आस-पास के लोगों को भी इससे खतरा है.



टीबी रोग की रोकथाम और टीबी मुक्त भारत के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन कन्नौज में टीबी के बीमारी में सबसे खतरनाक वैरीअंट एक्सडीआर टीबी की जांच की सुविधा ही नहीं है. इस टीबी का मरीज सबसे ज्यादा घातक साबित होता है, वह दूसरे को भी इस बीमारी से ग्रसित कर सकता है. ऐसे में जिले में इसकी जांच सुविधा ना होना बड़ी समस्या को दावत देने के बराबर है.

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : छपोरा गांव में 5 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का मालखरौदा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रितेश साहू ने किया शुभारंभ, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं रही मौजूद

क्या है एमडीआर और एक्सडीआर

दो तरह के टीबी के रोग के वेरिएंट होते हैं, जिसमें मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी से सबसे विकराल रूप को एक्सटेंसिवली ड्रग रजिस्टेंट (एक्सडीआर) टीबी के नाम से जाना जाता है. यह टीबी बड़े पैमाने पर दवा प्रतिरोधी होती है. ज्यादातर दवाओं का इस पर कोई असर नहीं होता है. टीबी का यह स्तर मरीजों के लिए बहुत खतरनाक होता है. दुनिया भर में कई लोग इसकी वजह से जान भी गवां चुके हैं.

कैसे हो सकता एक्सडीआर टीबी

एक्सडीआर टीबी केबल दो कारणों से पनपता है. इसमें पहला कारण यह है कि जब कोई टीबी का रोगी उपचार के दौरान एंटी टीबी दवाओं का दुरुपयोग करता है या फिर एक्सडीआर टीबी से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाता है. एक्सडीआर टीबी भी अन्य टीबी की तरह फैलता है.

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : छपोरा गांव में 5 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का मालखरौदा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रितेश साहू ने किया शुभारंभ, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं रही मौजूद

इसके क्या होते हैं लक्षण

साधारण टीबी रोग में जो लक्षण होते हैं, वही इसमें भी दिखाई देते हैं. जैसे भूख ना लगना, वजन अचानक से वजन कम हो जाना, बेचैनी एवं सुस्ती छाई रहना, सीने में दर्द का अहसास होना, थकावट रहना, रात में पसीना आना, हल्का बुखार रहना, खांसी आते रहना, खांसी में बलगम आना, जोर से अचानक खांसी आने पर खून आ जाना.

कैसे करें बचाव

सौ शैय्या अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक डॉ राहुल मिश्रा ने बताया कि- अस्पताल में टीबी की जांच की जाती है. लेकिन एक्सडीआर टीबी की जांच के लिए अस्पताल में कोई भी व्यवस्था नहीं है. वहीं उन्होंने बताया कि टीबी से बचने के लिए मरीज को अगर 2 सप्ताह से अधिक समय तक खांसी आ रही है. तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं बलगम की जांच करवाएं. बीमार व्यक्ति से दूरी बनाए रखें। रोगी से मिलने जा रहे हैं तो मास्क पहने. समय पर खाना खाए. किसी बीमार व्यक्ति से मिलने के बाद अपने हाथों को जरूर धोएं. पौष्टिक आहार लें जिसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल, कैल्शियम प्रोटीन और फाइबर हो.

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : छपोरा गांव में 5 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का मालखरौदा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रितेश साहू ने किया शुभारंभ, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं रही मौजूद

error: Content is protected !!