छत्तीसगढ़ में ‘रब ने बना दी जोड़ी’ नहीं, ‘गोधन ने बना दी जोड़ी’ की चर्चा, दिलचस्प है श्याम और अंजू की कहानी.. पढ़िए इनकी खास कहानी..

छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की चर्चा देशभर में है. इस योजना को जानने-समझने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से लोग छत्तीसगढ़ पहुंचते हैं. गोधन न्याय योजना ने राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर कई लोगों की तकदीर बदल दी है. जिसका उदाहरण इन दिनों रोज देखने को मिल रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों वर्तमान में जशपुर के बाद कोरिया जिले के विधानसभा क्षेत्रों में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम कर रहे हैं. यहां उन्हें अपनी गोधन न्याय योजना के सकारात्मक परिणाम के किस्से सुनने को मिल रहे हैं.



 

जशपुर में आर्थिक रूप से कमजोर कौशल्या भगत ने गोबर बेचकर अपने लिए स्कूटी खरीद ली है. इसके बाद अब उसे मीटिंग या समूह जाने के लिए किसी दूसरे पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. वहीं अब कोरिया जिले से एक रोचक किस्सा सामने आया है. यहां गोधन न्याय योजना ने जोड़ी बना दी. एक युवक आर्थिक रूप से कमजोर था, जिसमें गोधन न्याय योजना से गोबर बेचना शुरू किया और आमदनी की. गोबर बेचने से हो रही कमाई को देखकर ही उसकी शादी हो गई.

 

 

श्याम कुमार ने कहा- गोधन न्याय योजना की वजह से उन्हें जीवनसंगिनी मिली है, कुछ साल पहले शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा की एक फिल्म आई थी “रब ने बना दी जोड़ी”, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब लोग कह रहे हैं “गोधन ने बना दी जोड़ी”. दरअसल, कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ के रहने वाले श्याम जायसवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष गोधन न्याय योजना से उनकी जिंदगी में आए बदलाव को लेकर रोचक किस्सा साझा किया है. श्याम कुमार ने बताया कि गोधन न्याय योजना की वजह से ही उनकी शादी की रुकावट दूर हुई और उन्हें जीवनसंगिनी मिली. श्याम कुमार के मुताबिक पहले उसकी आमदनी बहुत कम थी.

 

उन्होंने दूध डेयरी का व्यवसाय किया था, लेकिन दूध से जितनी आमदनी होती थी, उससे आजीविका चलाना मुश्किल होता था. वहीं पहले मवेशियों का गोबर व्यर्थ ही था, लेकिन गोधन न्याय योजना लागू होने के बाद उन्होंने गोबर बेचना शुरू किया. श्याम कुमार ने बताया कि उन्होंने अब तक 2 लाख 5 हजार किलोग्राम गोबर बेच चुके हैं. जिसके एवज में उन्हें 4 लाख 10 हजार रुपए आमदनी हुई है. श्याम कुमार ने कहा कि, यह योजना उनके लिए अतिरिक्त आय का जरिया बना.

 

 

जानें कैसे हुई श्याम और अंजू की शादी ?
बता दें कि मुख्यमंत्री भेंट-मुलाकात की कड़ी में कोरिया जिले के पाराडोल पहुंचे थे. भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में पति श्याम कुमार के साथ उनकी पत्नी अंजू भी मौजूद रही. जिन्होंने बताया कि पेशे से वे नर्सिंग स्टॉफ हैं. उनके विवाह की चर्चा चल रही थी, इस बीच परिजनों को श्याम कुमार के बारे में जानकारी मिली कि वे गोबर बेचकर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं, साथ ही अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए भी मेहनत कर रहे हैं.

 

इससे प्रभावित होकर अंजू के परिजन बेटी का ब्याह गोबर बेचने वाले श्याम कुमार से कराने के लिए राजी हो गए. इनका विवाह बीते 19 जून को संपन्न हुआ. श्याम कुमार ने बताया कि गोबर बेचने से हुई आमदनी से पहले उन्होंने कुछ और गौवंश खरीदे, जिससे ज्यादा गोबर प्राप्त हो सके और उन्हें बेचकर उनकी आमदनी में इजाफा हो. वहीं गोबर बेचने से हुई आमदनी से उन्होंने मवेशियों के लिए शेड बनवाया लगातार हो रही आमदनी से श्याम कुमार आर्थिक रूप से सक्षम हो गए कि उन्होंने अपने भाई के बच्चों का दाखिला अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में कराया.

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवविवाहित जोड़े को दी बधाई
इधर गोधन न्याय योजना की वजह से वैवाहिक सूत्र में बंधे नवयुगल को सुनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें विवाह और दांपत्य जीवन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि, बीते साढ़े तीन साल में प्रदेशवासियों में राज्य सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है.

 

नवयुगल इसका एक बड़ा उदाहरण है. बेटी के परिजनों को यह विश्वास था कि गोबर खरीदी जैसी योजना को राज्य सरकार निरंतर जारी रखेगी. गोबर बेचकर भी श्याम कुमार परिवार की आजीविका चला सकता है और भौतिक संसाधन जुटा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, राज्य सरकार की एक ही मंशा है कि प्रदेश के हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशियां हो.

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